पश्चिम बंगाल की मुख्यंमत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को भाजपा को चु’नौती देते हुए कहा कि वो राष्ट्रगान बदलकर दिखाएं। उन्होंने भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र के संदर्भ में ये बात कही। उन्होंने एक सभा में कहा कि पश्चिम बंगाल में शरणार्थियों की कॉलोनियों को मान्यता दी गई है, एनआरसी, एनपीआर या सीएए से ड’रने की जरूरत नहीं है। उन्होंने भाजपा को नि’शाने पर लेते हुए कहा कि भ’गवा दल ने समुदायों के बीच दं’गों और नफ’रत का नया ध’र्म बनाया। भाजपा कभी भी गोरखालैंड मु’द्दे का कोई स्थाई समाधान नहीं खो’ज सकती, केवल तृणमूल कांग्रेस ऐसा कर सकती है।
राष्ट्रगान ब’दलने को लेकर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा हा’ल में प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर इस तरह का “दुस्साहस” किया जाता है तो राज्य के लोग करा’रा जवाब देंगे। उन्होंने कहा, “वे हमारे देश का इतिहास बदलना चाहते हैं और अब राष्ट्र गान भी बदलना चाहते हैं।”
उन्होंने मंगलवार को केंद्र सरकार पर आरो’प लगाया कि वह आईपीएस अधिकारियों को अपने अंदर सेवा देने के लिए तलब कर राज्य के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रही है। बनर्जी ने केंद्र सरकार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की चुनौती भी दी और पश्चिम बंगाल को “दंगा प्रभावित” गुजरात में ‘बदलने का प्रयास करने के लिए आलोचना की।
उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हम’ला नहीं किया गया और आश्चर्य जताया कि “दो’षी ठहराए गए अपरा’धी” उनके साथ क्यों थे। बनर्जी ने कहा, “अगर भाजपा और केंद्र सरकार सोचती है कि वे केंद्रीय ब’ल यहां लाकर और राज्य कैडर के अधिकारियों का त’बादला कर हमें ड’रा देंगे तो वे गलत सोच रहे हैं। केंद्र हमारे अधिकारियों को तलब कर रहा है…कोई भी उन्हें (नड्डा) या उनके काफिले को चो’ट पहुंचाना नहीं चाहता था।”