महाराष्ट्र में कुछ दिनों से जारी राजनीतिक अस्थिरता है. इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वहां तीन दलों कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी की महा विकास अघाड़ी सरकार है.
जब तक इन तीन दलों का आपस में भरोसा बना है, तब तक कोई कुछ नहीं कर सकता. अमित शाह ने कहा कि अगर इन दलों का आपस में भरोसा ना रहे तो अलग बात है. हां, अगर उनमें से कुछ लोग भरोसा टूटने पर बाहर निकलेंगे, तो उस सरकार को कोई नहीं बचा सकता.
गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को न्यूज 18 नेटवर्क समूह को दिए गए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में ये बातें कही. दिया. न्यूज 18 नेटवर्क समूह के एडिटर इन चीफ राहुल जोशी के साथ बातचीत में अमित शाह ने जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. वहीं, मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने और महाराष्ट्र में बीजपी सरकार बनने की संभावनाओं पर भी बात की.
एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में राहुल जोशी ने अमित शाह से पूछा कि जब देशभर की नजर कोरोना पर थी और आप भी गृह मंत्रालय में अहम जिम्मेदारी संभाल रहे थे, इसके बीच में भी आप मध्य प्रदेश में सरकार बनाने से नहीं चूके. इस पर बीजेपी अध्यक्ष शाह ने कहा, ‘मैंने कुछ नहीं किया है. यह कांग्रेस के भीतर का मामला था. मध्य प्रदेश की सरकार बचाने की जिम्मेदारी मेरी कैसे हो सकती है. यह जिम्मेदारी राहुल और सोनिया गांधी की थी.’
शाह ने आगे कहा, ‘उनकी पार्टी से इतने बड़े-बड़े नेता इस्तीफा देकर निकल गए. इतना बड़ा गुट निकल गया. और किसी ने दलबदल नहीं कराया. सबने इस्तीफा दिया. इसके बाद बीजेपी में शामिल हुए.’
बीजेपी और एनसीपी के बीच किसी भी प्रकार की बैकचैनल बातचीत की संभावना के बारे में पूछे जाने पर अमित शाह ने एक बार फिर गठबंधन सरकार की आंतरिक उथल-पुथल की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ देश लड़ाई लड़ रहा है.
ऐसे संकट के समय में भला बीजेपी किसी भी राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश क्यों करेगी? लेकिन अगर महाविकास अघाड़ी सरकार की तीनों पार्टियों में कोई नाराज़ होकर गठबंधन तोड़ देता है तो इस सरकार को कोई नहीं बचा सकता.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे की महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग पर गृहमंत्री ने कहा कि वह (राणे) संसद सदस्य थे. ऐसे में वह देश में किसी भी विषय पर अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार रखते हैं.
राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि महाराष्ट्र में विपक्ष (बीजेपी) कोरोना वायरस संकट से निपटने में नाकाम रहने पर उद्धव ठाकरे सरकार से अंतुष्ट है. कई मौके पर एनसीपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां शिवसेना के प्रति अपनी नाखुशी जाहिर कर चुकी है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी पिछले मंगलवार को राज्य सरकार में हो रही राजनीतिक उथल-पुथल से खुद को दूर कर लिया था. हालांकि, बाद में उद्धव ठाकरे के फोन पर बात होने के बाद राहुल गांधी ने राज्य में हर संभव सहयोगा का आश्वासन दिया था.