लोकसभा में जमकर हंगामा: सभापति बोले, ‘हम दिन-ब-दिन असहाय होते जा रहे…’

मानसून सत्र का पहला हफ्ता हंगामे की भेट चढ़ने के बाद दूसरे हफ्ते की शुरुआत भी हंगामे के साथ हुई है। दोनों ही सदनों में जोरदार हंगामे के चलते कार्यवाही बधित रही। इस पर सभापति ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि दिन-ब-दिन हम असहाय होते जा रहे हैं।

बताते चलें कि विपक्ष, जा’सूसी कां’ड, किसान आंदो’लन जैसे मुद्दों के चलते सरकार का जबरदस्त विरोध कर रहा है। विपक्ष के विरो’ध प्रद’र्शन के कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही कल तक के लिए और राज्यसभा को 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह विरोध:

लोकसभा में विपक्ष के नेता जहां सदन के अंदर नारेबाजी कर रहे है थे तो वहीं दूसरी तरफ शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के सांसद संसद के बाहर कृषि कानूनों के को लेकर अपना विरोध दर्ज करा रहे थे।

लोकसभा में जमकर हंगामा:

लोकसभा में लगातार होती नारेबाजी पर स्पीकर ओम बिड़ला नाराज नजर आए। उन्होंने कहा कि सरकार आपको जवाब देना चाहती है लेकिन आप लोग लगाताक नारेबाजी कर रहे हैं। जनता ने यहां आपको जनहित के मुद्दे उठाने के लिए भेजा है लेकिन आप सरकार को सुनना ही नहीं चाहते हैं।

राज्यसभा में पेगासस की गूंज:

राज्यसभा में पेगासस जासूसी मामला जमकर गूंजा। कार्यवाही शुरू होते ही इसको लेकर नारेबाजी शुरू हो गई, जिसको देखते हुए ऊपरी सदन को 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया। इसके बाद जब दोबारा कार्यवाही शुरू की गई तो फिर हंगामे ने जोर पकड़ा लिया। जिसके बाद सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित किया गया था।

लोकसभा और राज्यसभा में करगिल शहीदों को श्रद्धांजलि:

लोकसभा और राज्यसभा में करगिल युद्धों में शहीद जवानों को नमन किया गया। बता दें कि देश आज 22वां करगिल विजय दिवस मना रहा है। भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1999 में करगिल के पहाड़ों पर जं’ग हुई थी और भारत के वीर जवा’नों ने पाकिस्तान को खदे’ड़ते हुए करगिल की पहाड़ियां फिर से अपने कब्जे में ले ली थीं।

सदन में हंगामे के आसार सुबह ही हो गए थे जब राहुल गांधी ट्रैक्टर पर सवार होकर संसद पहुंचे थे। उनके ट्रैक्टर पर आगे पोस्टल लगा हुआ था। जिसमें लिखा था किसान वि’रोधी तीनों काले कृषि कानून वापिस लो। उनके साथ पार्टी के कार्यकर्ता भी हाथ में पोस्टर और बैनर लेकर पहुंचे थे।

सत्र का पहला हफ्ता भी हंगामेदार रहा था। विपक्ष ने जासूसी कांड से लेकर किसान आंदोलन, महंगाई, बेरोजगारी और कोविड वैक्सीन की कमी को लेकर का जबरदस्त घेराव किया था। इन मुद्दों पर हंगामे के चलते कई बार सदन को स्थगित करना पड़ा था। राज्यसभा में टीएमसी सांसद शांतनु घोष को उनके व्यवहार के चलते पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया था। उन्होंने आईटी मिनिस्टर के हाथ से बयान की कॉपी फाड़कर हवा में उछाल दी थी।