कर्ज के संकट में घिरे अनिल अंबानी के सामने अब एक नया संकट आ खड़ा हुआ है। भारतीय स्टेट बैंक ने अनिल अंबानी से लोन की वसूली के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) का रुख कर लिया है। बैंक ने एनसीएलटी से मांग की है कि अनिल अंबानी ने नेतृत्व वाली कंपनियों को जारी किए गए लोन की वसूली सुनिश्चित की जाए।
इन कर्जों के लिए अनिल अंबानी की ओर से गारंटी दी गई थी। लोन के पर्सनल गारंटर अनिल अंबानी के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी रिजॉलूशन प्रोसेस के लिए बैंक ने प्रोफेशन को नियुक्त किए जाने की मांग की है।
एनसीएलटी की नई दिल्ली स्थित मुख्य बेंच की वेबसाइट पर भी अनिल अंबानी के खिलाफ एसबीआई की ओर से दायर केसों का जिक्र किया गया है। वेबसाइट में इन केसों को तत्काल सुनवाई के लिए तय करने की बात कही गई है।
NCLT ने सेक्शन 95 (1) के तहत यह केस दायर किया है। इसके तहत कर्जदाता बैंक कर्जधारक और लोन के गारंटर के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। एसबीआई की ओर से यह आवेदन ऐसे वक्त में किया गया है, जब अन्य कर्जदाता बैंकों ने ग्रुप की कंपनियों को बेचे जाने को मंजूरी दे दी है।
बैंक के सूत्रों के मुताबिक यह अर्जी इसलिए दाखिल की गई है ताकि अनिल अंबानी की निजी संपत्तियों पर दावा ठोका जा सके। इससे पहले कि अंतरराष्ट्रीय कर्जदाता अनिल अंबानी की संपत्तियां हासिल कर लें। बता दें कि हाल ही में ब्रिटेन की एक अदालत ने आदेश दिया था कि वे चीनी बैंकों को 717 मिलियन डॉलर की रकम जारी करें। कोर्ट ने अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की कंपनी रिलायंस कॉम्युनिकेशंस की ओर से लिए गए कॉरपोरेट लोन को लेकर यह आदेश दिया था।
हालांकि इस केस में अनिल अंबानी ने लोन की पर्सनल गारंटी लिए जाने की बात से इनकार किया था। इसी केस के दौरान अनिल अंबानी ने अपनी नेटवर्थ जीरो बताई थी। गौरतलब है कि अनिल अंबानी बीते कई सालों से कर्ज के दलदल में फंसे हुए हैं। हाल ही में उन्होंने दिल्ली में अपनी बिजली कंपनियों को भी बेचने का फैसला लिया था।