लालू यादव ने फिर अपने अंदाज़ में नीतीश सरकार पर कसा तंज

बिहार विधानसभा चुनाव में अभी कई महीने बाक़ी है, लेकिन कोरोनावायरस के दौर में भी राजनीतिक सरगर्मी तेज़ होने लगी है. राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट के जरिए बिहार सरकार पर जमकर तंज कसा है. उन्होंने अपने ट्वीट को भोजपुरी के एक वाक्य से ख़त्म किया है और नीतीश कुमार से 15 साल का हिसाब मांगा है.

लालू यादव ने लिखा, “15 बरस का हिसाब देने में कोई दिक़्क़त बा?” लालू प्रसाद ने कहा है, “सरकार अपना नैतिक, प्राकृतिक, आर्थिक, तार्किक, मानसिक, शारीरिक, सामाजिक, आध्यात्मिक, व्यवहारिक, न्यायिक, जनतांत्रिक और संवैधानिक चरित्र के साथ संतुलन भी पूरी तरह खो चुकी है. लोकलाज तो कभी रही ही नहीं, लेकिन जनादेश डकैती का तो सम्मान रख लेते.”

तेजस्वी यादव ने भी कसा तंज

कोरोनावायरस और लॉकडाउन के कारण प्रवासी मज़दूरों को आ रही समस्याओं की तरफ़ भी आरजेडी ने नीतीश कुमार का ध्यान खींचा है. बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि दिल्ली सरकार बिहारी प्रवासियों को लौटने का किराया दे रही है. यह राज्य की छवि के लिए ठीक नहीं है. हम दिल्ली सरकार के आभारी हैं. साथ ही, उनका पैसा वापस करने के लिए खाते की जानकारी मांगी है.

उन्होंने कहा है कि दिल्ली से अप्रवासी बिहारी श्रमवीरों की ट्रेन मुज़फ़्फ़रपुर के लिए रवाना हुई. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनका किराया अदा किया. ऐसा इसलिए हुआ कि बिहार सरकार समय पर टिकटों के किराए को लेकर ना ही कोई संतोषजनक जवाब दे सकीं और ना ही निर्णय लें सकी. यह दिल्ली सरकार की मानवता है, लेकिन बिहार सरकार के लिए सोचनेवाली घटना है.

तेजस्वी यादव ने कहा कि कोरोना काल में सरकार के कारण बिहारी अस्मिता को लगातार चोट पहुच रही है. हमने एक ज़िम्मेवार विपक्ष के नाते निर्णय लिया कि बिहार सरकार की असमर्थता के चलते हम 50 ट्रेनों का किराया देने के लिए तैयार है.

हम शुरू से कह रहे है कि नीतीश सरकार की प्रवासी मज़दूरों को वापस बुलाने की कोई मंशा और योजना नहीं है. विपक्ष और जनदबाव में ख़ानापूर्ति करने के लिए ये प्रतिदिन गिनी-चुनी ट्रेन चलाने की औपचारिकता मात्र निभा रहे है ताकि लोग विरोध प्रकट ना कर सकें.