सीमा पर भारत और चीन के बीच माहौल गर्माया हुआ है। इस बीच कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने भारत सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने पूछा है कि क्या भारत सरकार इस बात का भरोसा दिला सकती है कि भारतीय जमीन पर एक भी चीनी सैनिक ने प्रवेश नहीं किया है।
राहुल गांधी ने अपनी बात कहने के साथ एक खबर भी ट्वीट की है। इसमें बताया गया है कि LAC पर जारी विवाद के बीच चीन और भारत के टॉप मिलिटरी अफसर बातचीत करके इसे हल करने की कोशिश करेंगे।
सारे विवाद पर रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा है कि चीन के साथ हमारी बात चल रही है। हमारे पास चीन से मुद्दे सुलझाने का मेकेनिज्म है। हम उसी के हिसाब से कदम उठा रहे हैं। 6 जून को दोनों देशों के सीनियर आर्मी कमांडरों की बैठक होनी है।
उन्होंने कहा कि डोकलाम समस्या के समय पर भी सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत हुई थी और समस्या का समाधान किया गया था। अब भी वही रणनीति अपनाई जा रही है। राजनाथ सिंह ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लगभग एक महीने से चले आ रहे गतिरोध के संदर्भ में बुधवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिक ‘अच्छी खासी संख्या में’ आ गए हैं और भारत ने भी स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।
भारत और चीन के बीच ताजा विवाद लद्दाख में हो रहा है। वहां चीन भारत के निर्माण कार्य का विरोध कर रहा है। दूसरी तरफ भारत ने साफ कर दिया है कि सड़क निर्माण नहीं रुकेगा। इस बीच वहां चीन द्वारा भारी सैनिक बल तैनात करने की खबरें थीं, जिसके बाद भारत ने भी वहां सैनिक गतिविधियां बढ़ा दी थीं।
Can GOI please confirm that no Chinese soldiers have entered India?https://t.co/faR5fxEqQO
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 3, 2020
क्यों चिढ़ा चीन? भारत ने तेजी से किया है कनेक्टिविटी बढ़ाने का काम
भारत-चीन बॉर्डर पर शुरू से ही सबसे बड़ा मसला कनेक्टिविटी का रहा है। जहां चीन ने बॉर्डर तक अच्छी सड़कें काफी पहले ही बना ली थी वहीं पिछले कुछ सालों में भारत ने भी बॉर्डर पर कनेक्टिविटी बढ़ाने का काम तेजी से किया है।
भारत-चीन के बीच ईस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चल रहे तनाव और चीन की खीझ के पीछे एक अहम वजह यह भी है। इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होने से चीन एलएसी में कई जगह पेट्रोलिंग के लिए आराम से पहुंच जाता था जबकि भारत के सैनिकों को पैदल चलकर जाने में बहुत वक्त लग जाता था। अब कई जगह यह समीकरण बदला है।