बीजेपी शासित हरियाणा में आं’दोलनरत किसानों के प्रस्तावित कार्यक्रम से पहले बीकेयू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उन्हें आगाह किया है। कहा है कि भाजपा वाले किसानों के ही वेश में आएंगे और तिरंगा बदनाम कर यात्राएं रोकेंगे।
किसान नेता की यह टिप्पणी शनिवार (31 जुलाई, 2021) को आई। दरअसल, किसान संघ के नेताओं ने ऐलान किया था कि नरेंद्र मोदी सरकार के लाए तीन कृषि कानू’नों का विरो’ध कर रहे किसान स्वतंत्रता दिवस पर सूबे के जींद में ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। पर हरियाणा में भाजपा भी 15 अगस्त के दिन तिरंगा यात्रा निकालने से जुड़ी घोषणा कर चुकी है।
ऐसे में किसान नेताओं को शं’का है कि उनकी ट्रैक्टर रैली में असामाजिक तत्व घु’स सकते और उन्हें बदनाम कर सकते हैं। टिकैत ने इस बाबत अपने टि्वटर हैंडल से एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें वह किसान साथियों को संबोधित कर रहे थे।
बीकेयू नेता की ओर से कहा गया, “हरियाणा में भाजपा की तिरंगा यात्रा किसान आं’दोलन को बदनाम करने के लिए षड्यं’त्र है। सभी हरियाणा के किसानों से मेरी अपील है कि तिरंगे के सम्मान में 15 अगस्त को देखते हुए कोई भी किसान साथी इस यात्रा का विरोध न करें।
तिरंगा देश की शान है तो मैं अपने सभी नौजवान भाइयों से और किसानों से कहूंगा कि आप अगर उनकी यात्रा रो’केंगे तो ये कहेंगे कि देखो तिरंगे का अप’मान कर रहें हैं। ये हमारे ही वेश में आएंगे तिरंगे को बदनाम करेंगे। अपने आप यात्राएं रोकेंगे तो आप उसे बच के रहें। हरियाणा में कार्यक्रम चले हुए हैं उनको करते रहे।”
जानकारी के मुताबिक, 15 अगस्त को प्रस्तावित किसानों के इस कार्यकक्रम में ट्रैक्टर परेड और झांकी में खेती में इस्तेमाल होने वाले औजारों को दिखाया जाएगा।
परेड मे राष्ट्रीय ध्वज और किसान ध्वज को ट्रैक्टर पर लगाया जाएगा और यह परेड टोल प्लाजा के विरो’ध स्थल पर शुरू होगी और वहीं ख’त्म ही होगी। बता दें कि बीते साल लाए कृषि कानू’नों का विरो’ध करने वाले किसान हरियाणा में भाजपा-जजपा नेताओं के सार्वजनिक कार्यक्रमों में लगातार विरो’ध प्रदर्शन कर चुके हैं।
तीन कृषि कानू’नों के खि’लाफ किसानों के आंदोलन को आठ महीने हो चुके हैं। उनका दा’वा है कि तीन कृषि कानू’न एमएसपी को खत्म कर देंगे और किसानों को बड़े निगमों की दया पर छो’ड़ दिया जाएगा। कानूनों का प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में पेश करने वाली सरकार के साथ 10 दौर से अधिक की बातचीत दोनों पक्षों के बीच किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में विफल रही है।
“जिन्हें पूंजीपति खा रहे, हम उनके लिये ध’रना दे रहे हैं”: भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हमारा धरना अपने लिये नहीं बल्कि उनलोगों के लिये है जिन्हें पूंजीपति खा रहे हैं। किसान नेता ने कहा, ‘‘हम खुद के लिए नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए धरनों पर बैठे है। उन्होंने कहा कि हम आपस में ल’डऩे के लिए नहीं बैठे है बल्कि हम उन लोगों के लिए धरनों पर बैठे है जिनको पूंजीपति खा रहे हैं।’’
खटकड़ टोल पर जारी किसानों के ध’रने को संबोधित करते हुये उन्होंने जोर देकर कहा कि हम आपस में अगर ल’ड़ पड़े तो ‘‘वो हमें खा जाएंगे।’’ चढूनी ने कहा कि खटकड़ टोल का धरना पूरे हरियाणा में नंबर एक पर चल रहा है और यहां के धरने पर महिलाओं और युवाओं की भागीदारी बड़ी संख्या में हो रही है।