कृषि कानू’न के मु’द्दे पर आंदोलनरत किसानों और सरकार के बीच मंगलवार को वार्ता हुई लेकिन गतिरो’ध अभी भी बरकरार है. किसानों से चर्चा के दौरान सरकार ने कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए समिति बनाने का सुझाव रखा, लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को ठु’करा दिया है. किसानों और सरकार के बीच आज की बातचीत बेनतीजा रही.
दोनों पक्षों के बीच अगली बैठक गुरुवार को होगी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान सं’गठनों से कहा कि 4 से 5 नाम अपने सं’गठन से दें. एक समिति बना देते है जिसमें सरकार के लोग भी होंगे, कृषि एक्सपर्ट भी होंगे, नए कृषि कानू’न पर चर्चा करेंगे. इससे पहले सरकार की ओर से एमएसपी और एपीएमसी एक्ट पर किसान प्रतिनिधियों के सामने प्रजेंटेशन दिया गया.
1.तीन कृषि कानू’नों का विरो’ध कर रहे किसानों के 30 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ तीन केंद्रीय मंत्रियों ने बातचीत की शुरुआत की. किसान इन कानूनों को र’द्द करने की मांग कर रहे हैं. इस बीच किसानों का प्रदर्श’न और जोर पक’ड़ने लगा है. पंजाब राज्य से कई और किसान और हरियाणा से खाप आंदोलन के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं.किसानों ने कहा है कि मांग पूरी होने तक वे प्रदर्श’न जारी रखेंगे.
2.सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मंगलवार सुबह मुलाकात की. कृषि कानू’नों के खि’लाफ ये किसान दिल्ली में मोर्चा डा’ले हुए हैं.समझा जाता है कि किसानों के साथ तीसरे राउंड की बातचीत में सरकार नए कृषि कानू’न के बारे में जानकारी के साथ इस बात का आश्वासन दे सकती है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP को ख’त्म नहीं किया जाएगा.
3.पहले सरकार की ओर से 3 दिसंबर को बातचीत का प्रस्ताव रखा गया था. गृहमंत्री अमित शाह ने शर्त रखी थी कि किसानों को बातचीत के लिए बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड पर जाना होगा और दिल्ली की सीमाओं से ह’टना होगा. लेकिन सशर्त बातचीत के इस प्रस्ताव को किसानों ने ठु’करा दिया था.
4.रविवार देर रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई बड़े नेताओं के साथ मीटिंग की थी. अब सरकार ने सर्दी और कोरोना का ह’वाला देते हुए किसानों को 3 दिसंबर से पहले ही, एक दिसंबर को यानी आज बातचीत का न्योता दिया था.
5.पंजाब किसान यूनियन के नेता अमरीक सिंह बात करते हुए कहा कि हम सरकार के सामने अपनी दो मांगें मुख्य तौर पर रखेंगे. पहली मांग कि तीनों कानू’न को त’त्काल प्रभाव से वापिस लिया जाए और दूसरी मांग कि सरकार MSP की लीगल गारंटी दे. जिस तैयारी से किसान आए हैं, वो सोच कर आए हैं कि केंद्र सरकार इनकी बात आसानी से नहीं मानेगी. उनके पास 6 महीने का तेल, गैस, आटा, दाल, चावल हैं. वे इन तीनों क़ानू’नों को वापस कराकर अपने घर जाएंगे. सरकार को इनसे खुले मन से बातचीत करनी चाहिए.
6.बुराड़ी के नि’रंकारी मैदान से कृषि कानून के खि’लाफ डटे किसानों ने बात करते हुए कहा कि हमें सरकार से बहुत उम्मीद नहीं है क्योंकि सरकार की नीयत ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि यह किसानों की नहीं पूजीपतियों की सरकार है. किसानों ने साफ कर दिया कि जब तक कानू’न र’द्द नहीं होगा तब तक प्रदर्श’न जारी रहेगा.
7.केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह नए कृषि कानू’नों के खि’लाफ दिल्ली की सीमा पर प्रदर्श’न कर रहे किसानों की बात ”सुने” और मैत्रीपूर्ण तरीके से मा’मले को सुलझाए. विजयन ने एक ट्वीट में किसानों को देश का ”जीवन आधार” बताया और कहा कि यह उनके साथ खड़े रहने का समय है.
8.इस बीच, किसान आंदोलन (Farmers Protests) को लेकर हरियाणा की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी को अब फिर सत्ता में उसकी एक और सहयोगी पार्टी ने चे’तावनी दी है. हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी (JJP) के अध्यक्ष और उनके पिता अजय चौटाला (Ajau Chautala) ने कहा कि सरकार को इस मसले पर बड़ा सोचना चाहिए और किसानों की मांगों पर कुछ समाधान निकालना चाहिए.
9.किसानों को दिल्ली आने से रोकने की कोशिश करने में हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने भारी-भरकम तरीकों का इस्तेमाल किया था. खट्टर के आदेश पर पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गो’ले ब’रसाए और कई जगहों पर उनपर वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया गया. यहां तक कि पुलिस ने उन्हें रो’कने की कोशिश में हाईवे तक खो’दकर रख दिया था.
10.कृषि कानू’नों के मा’मले में केंद्र में बीजेपी पहले ही अपने सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल के साथ को खो चुकी है. सोमवार को ही राजस्थान से उसके एक सहयोगी सांसद हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी से अपना रिश्ता ख’त्म करने की धम’की दी थी. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक और नागौर से लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस मु’द्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है.