कृषि कानू’नों के विरो’ध आं’दोलनरत किसानों के साथ केंद्र सरकार की चौथे राउंड की बैठक करीब आठ घंटे के बाद ख’त्म हुई है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra singh Tomar) ने बताया कि बातचीत सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में हुई.उन्होंने कहा कि किसानों और सरकार ने अपना-अपना पक्ष रखा है. कृषि मंत्री ने कहा कि दो-तीन बिंदुओं पर किसानों की चिं’ता थी, हम हर मु’द्दे पर खुले मन से बात कर रहे हैं, हमारा कोई अहम नहीं है.
APMS को सशक्त बनाने पर विचार हुआ. उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के बारे में किसानों की चिं’ता है. यह पहले भी जारी था, जारी है और आगे भी रहेगा. उन्होंने कहा कि परसों यानी 5 दिसंबर को दोपहर को दोनों पक्षों की फिर बातचीत हुई है और उम्मीद है कि हम किसी सर्वसम्मत समाधान पर पहुंचेंगे. कृषि मंत्री पीयूष गोयल भी इस बैठक में सरकार की ओर से उपस्थित थे.
1.बैठक के पहले किसानों ने कहा कि केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानू’नी स्वरूप देने से उनका मकस’द हल नहीं होगा. वे तीनों कृषि कानू’नों को र’द्द करने से कम किसी भी बात के लिए तैयार नहीं हैं.
2.पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने किसान आंदोलन के समर्थन और उनपर किए गए सां’प्रदायिक क’टाक्षों के विरो’ध में अपना प्रतिष्ठित पद्म विभूषण अवॉर्ड लौटा दिया है. उन्होंने इसके लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है.
3.किसान सं’गठनों की सरकार के साथ बैठक में किसानों ने सरकार की ओर से दिए गए लंच के ऑफर को मना कर दिया और अपने साथ लाया गया खाना ही खाया है. किसानों ने बताया कि अभी लंच ब्रेक हुआ है. सरकार ने उन्हें खाने का ऑफर दिया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया और अपने साथ ले जाए गए लंगर के खाने को ही खाया.
4.अमरिंदर सिंह ने अमित शाह के साथ आज मीटिंग ख’त्म करने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि ‘केंद्र सरकार और किसानों के बीच में बातचीत चल रही है, इसमें मेरी ओर से कुछ हल करने जैसा नहीं है. मैंने गृहमंत्री के साथ अपनी मीटिंग में अपना पक्ष रखा और कहा कि इस मु’द्दे का जल्द से जल्द ह’ल निकालें क्योंकि इससे एक तो अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है, वहीं इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को भी ख’तरा है.’
5.कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों से सरकार की मीटिंग के पहले एक ट्वीट में कहा है कि सरकार अगर किसानों की बात नहीं मानती है तो यह विश्वासघा’त से कम नहीं होगा.
6.कामगार सं’घटना संयुक्त कृति समिति भी मुंबई में किसानों के समर्थन में प्रदर्श’न कर रही है. मुम्बई में गुरुवार को भारत माता सिनेमा के पास अलग अलग यूनियन के मजदूरों ने इक’ट्ठा होकर ना’रेबाजी की. मोदी के भ्रमजाल के आरो’प में यूनियन नेताओँ का कहना है कि नरेंद्र मोदी खुद सबसे बड़े भ्र’मजाल हैं. वो किसान कानू’न के जरिये सबकुछ निजी हाथों में देकर मजदूरों को भी बे’कार कर रहे हैं.
7.प्रदर्श’न कर रहे किसानों के नेताओं ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर सरकार से नये कृषि कानू’नों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने और किसानों की एकता को भं’ग करने के लिए ‘विभा’जनकारी एजें’डे में नहीं शामिल होने’ की मांग की. आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चो को-ऑर्डिनेशन कमिटी ने पत्र में कहा है, ‘ हम सरकार से किसान आंदोलन के संबंध में किसी भी विभाजनकारी एजेंडे में शामिल नहीं होने की मांग करते हैं क्योंकि यह आंदोलन इस वक्त अपनी मांगों पर एकजुट है.
8.इससे पहले किसानों ने चे’तावनी भ’रे लहजे में कहा है कि यदि तीनों किसान कानू’नों को र’द्द नहीं किया गया तो वे दिल्ली के रास्ते ब्लॉक कर देंगे.किसानों ने कहा है कि सरकार विशेष सत्र बुलाकर इन कानू’नों को र’द्द कर दे अन्यथा किसान दिल्ली ब्लॉक कर देंगे.
9.मंगलवार की बैठक में किसानों से चर्चा के दौरान सरकार ने कृषि कानू’नों पर चर्चा के लिए समिति बनाने का सुझाव रखा, लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को ठु’करा दिया.
10.मंगलवार की बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों से कहा थाकि 4 से 5 नाम अपने सं’गठन से दें. एक समिति बना देते है जिसमें सरकार के लोग भी होंगे, कृषि एक्सपर्ट भी होंगे, नए कृषि कानू’न पर चर्चा करेंगे. किसानों ने सरकार के इस प्रस्ताव को ठु’करा दिया था.