कृषि कानू’न के विरो’ध में जारी किसानों के प्रदर्श’न के बीच केंद्र सरकार एक्टिव हुई है. सरकार की ओर से किसानों को बातचीत का न्योता दिया जा रहा है, साथ ही अब केंद्रीय मंत्रियों की ओर से कृषि कानू’न के म’सले पर सफाई दी जा रही है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर समेत अन्य नेताओं ने सोमवार सुबह ट्वीट कर कृषि कानून के बारे में जानकारी दी.
कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें। पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज़्यादा #MSP पर बेचा। MSP भी जीवित है और मंडी भी जीवित है और सरकारी खरीद भी हो रही है।
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) November 30, 2020
केंद्रीय कानू’न मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार सुबह ट्वीट कर लिखा, ‘नए कृषि कानू’न APMC मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं. मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी. नए कानू’न ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दी है, जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पाएगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर.’
उनके अलावा केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी ट्वीट किया. प्रकाश जावड़ेकर ने लिखा कि कृषि कानू’न पर गल’तफहमी ना रखें. पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज़्यादा #MSP पर बेचा. MSP भी जीवित है और मंडी भी जीवित है और सरकारी खरीद भी हो रही है.
नए कृषि कानून APMC मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं। मंडियाँ पहले की तरह ही चलती रहेंगी। नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दी है। जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पायेगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर। #FarmBills pic.twitter.com/xRi35CkOTs
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) November 30, 2020
आपको बता दें कि कृषि कानू’न को लेकर किसानों की सबसे बड़ी चिं’ता एमएसपी की ही है और मंडियों को लेकर बात कही जा रही है. ऐसे में सरकार की ओर से लगातार इन समस्याओं को दूर करने की कोशिश की जा रही है.
केंद्र सरकार की ओर से किसानों को तीन दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया गया है, इसके अलावा खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपील करते हुए कहा था कि अगर किसान बुराड़ी स्थित मैदान में आते हैं तो उनसे तुरंत भी बात हो सकती है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात कार्यक्रम में कृषि कानू’न के फायदे गि’नाए थे और किसानों से किसी तरह की अफ’वाह में ना आने की अपील की थी.