केंद्र सरकार के कृषि कानू’नों के खि’लाफ किसानों का हल्ला बोल जारी है. किसान सरकार से कृषि कानू’न वापस लेने की मांग कर रहे हैं. पिछले 6 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है. इस बीच, मंगलवार को सरकार और किसान नेताओं की बातचीत हुई. दोपहर 3 बजे शुरू हुई ये बैठक करीब 7 बजे ख’त्म हुई.
सरकार ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगों पर अब भी अ’ड़े हैं. बैठक के बाद एक किसान नेता ने तो यहां तक कहा कि हम सरकार से कुछ तो जरूर वापस लेंगे, चाहे वो बुलेट हो या शां’तिपूर्ण समाधान.
सरकार के साथ बातचीत का हिस्सा रहे किसान नेता चंदा सिंह ने कहा कि कृषि कानू’नों के खि’लाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा. हम सरकार से कुछ तो जरूर वापस लेंगे, चाहे वो बुलेट हो या शांतिपूर्ण समाधान. उन्होंने कहा कि हम बातचीत के लिए फिर आएंगे.
वहीं, अखिल भारतीय किसान महासंघ के अध्यक्ष प्रेम सिंह ने कहा कि आज की बैठक अच्छी रही. सरकार के साथ 3 दिसंबर को अगली बैठक के दौरान, हम उन्हें समझाएंगे कि कृषि कानू’न का कोई भी किसान समर्थन नहीं करता है. हमारा आंदोलन जारी रहेगा.
बता दें कि लंबे घमासान के बीच केंद्र सरकार और किसानों के बीच कृषि कानू’नों पर मंगलवार को बैठक हुई. करीब चार घंटे तक चली ये बैठक बेनतीजा रही. दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई इस बातचीत में कोई फैसला नहीं नि’कलने के बाद अब अगली बैठक 3 दिसंबर को दोपहर 12 बजे होगी. आज की बैठक को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सकारात्मक बताया. उन्होंने कहा कि किसानों के साथ बातचीत अच्छी रही. हमने 3 दिसंबर को फिर से बातचीत करने का फैसला लिया है.
वहीं, किसान नेताओं ने कहा कि देश के किसानों का केंद्र सरकार पर भरोसा नहीं है. प्रधानमंत्री के वाराणसी के भाषण पर किसान नेताओं ने कहा कि किसानों के प्रति पीएम की नीति और नीयत ठीक नहीं है और केंद्र सरकार दोहरे मापदं’ड अपना रही है. किसान नेताओं ने आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग की.
मध्य प्रदेश के किसान नेता शिव कुमार कक्काजी ने कहा कि कृषि कानू’न किसानों की मौ’त के फरमान हैं. उन्होंने कहा कि सभी किसान नेता बहुत समझदार हैं और वो जानते हैं कि इन कानू’नों से किसानों को बहुत नु’कसान है. उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में यह किसान आं’दोलन जनांदोलन बनने जा रहा हैं और बुआई के सीजन के बाद आंदोलन में ध’रने स्थल पर किसानों की संख्या बढ़ेगी.
We appeal to the farmers to suspend the protests and come for the talks. However, this decision depends on farmers’ unions and farmers: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar https://t.co/gfIKF52ze4
— ANI (@ANI) December 1, 2020
सरकार-किसानों की बैठक में क्या हुआ
किसानों के साथ आज की बैठक में APMC Act and MSP पर सरकार की तरफ से प्रेजेंटेशन दिया गया. सरकार किसानों को MSP पर समझाने की कोशिश की. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में एक किसान संगठन के प्रतिनिधि ने कहा कि किसान कृषि कानू’नों के खि’लाफ सड़कों पर हैं. और उन्होंने मांग की कि सरकार को इसे वापस लेने पर विचार करना चाहिए.
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसानों से बैठक में कहा कि 4 से 5 नाम अपने संगठन से दीजिए, एक समिति बना देते हैं जिसमे सरकार के लोग भी होंगे, कृषि एक्सपर्ट भी होंगे, नए कृषि कानू’न पर चर्चा करेंगे. किसानों को समिति पर कोई आप’त्ति नहीं है, लेकिन उनका कहना है कि जबतक समिति कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती और कुछ ठोस बात नहीं निकलती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. सरकार ने ये भी प्रस्ताव दिया है कि समिति रोजाना बैठकर चर्चा करने को तैयार है, ताकि जल्द नतीजा निकल सके. सूत्रों के मुताबिक, एक किसान प्रतिनिधि ने कहा कि ये नए कानू’न किसानों के लिए ‘डेथ वारं’ट’ हैं.
सूत्रों के मुताबिक, किसान संगठन के प्रतिनिधि ने कहा कि आप (सरकार) लोग ऐसा कानू’न लाए हैं, जिससे हमारी जमीने बड़े कॉरपोरेट ले लेंगे, आप कॉरपोरेट को इसमे म’त लीजिए. अब समिति बनाने का समय नहीं है. आप कहते हैं कि आप किसानों का भला करना चाहते हैं, हम कह रहे हैं कि आप हमारा भला म’त कीजिए.