शाहीन बाग: केजरीवाल सरकार के आ’रोपों पर गु’स्साए प्रदर्शनकारी, लगाई ये लता’ड़

आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने सोमवार (17 अगस्त, 2020) को दा’वा किया था कि शाही’न बाग प्रदर्शन की पूरी ‘प’टकथा भाजपा ने लिखी’ और दिल्ली चुनावों में फायदे के लिए इसके नेतृत्व ने प्रद’र्शनकारियों के हर कदम के लिए उन्हें निर्देश दिए। शाही’न बाग इलाके के अल्पसं’ख्यक मुस्लि’म समु’दाय के कई सदस्यों के भाजपा में शामिल होने के बाद आप पार्टी ने यह दा’वा किया है। अब पार्टी के इस दा’वे पर शाही’न बाग के स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यक’र्ताओं ने ती’खी प्र’ति’क्रिया दी है।

शाही’न बाग वि’रोध प्रर्दश के प्रमुख चेहरों में से एक रही शाही’न कौसर ने कहा, ‘प्रदर्शन में ज्यादातर महिलाएं गृहणी थीं जिनका राजनीति के किसी भी रूप से कोई लेना देना नहीं था। वो पी’ड़ित थीं। कॉलेज कैंपस में अपने बच्चों को पी’टे जाने पर वो असु’रक्षित महसूस कर रही थी। वो अगली पीढ़ी के भविष्य के लिए सामने आईं। एक मां को कैसा महसूस हुआ इससे भाजपा को क्या करना है? दिल पे ज’ख्म लगा है।’

शाही’न बाग का प्रद’र्शन प्रस्तावित ए’नआ’रसी और नागरि’कता संशो’धन अधि’नियम (सीए’ए) के खिला’फ था। इस दौरान जा’मिया मिलिया इस्ला’मिया यूनिवर्सि’टी कैंपस के अंदर पु’लिस कार्रवाई के बाद हिंसा भड़क गई थी।

शाही’न बाग क्षेत्र में मशहूर वकील बहादुर अब्बास नकवी कहते हैं कि दिल्ली दं’गों के दौरान आप पार्टी चु’प रही थी। वो कहते हैं कि पु’लिस उनके अधीन नहीं है। मगर पार्टी के जिन नेताओं के पास पु’लिस सुरक्षा थी वो कम से कम लोगों को शांत करान के लिए इलाके का दौरा नहीं कर सकते थे?

अब्बास ने पूर्व सीआईसी वजाहत हबीबुल्लाह और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद के साथ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की है। याचिका में दा’वा किया गया कि अधिकारियों ने जा’न बू’झकर शाही’न बाग के आसपास कई सड़कों को बंद कर दिया था जिससे यात्रियों को परे’शानी हो।

उन्होंने कहा कि वरिष्ठ वकील महमूद प्राचा द्वारा शुरू किए गए ‘सं’विधान बचाओ मिशन’ के तहत वि’रोध प्र’दर्शन शाही’न बाग सहित फिर शुरू होगा। अब्बास के अनुसार पूरे आं’दोलन का उद्देश्य संवि’धान बचाना था। ये आ’रोप कि भा’जपा शाही’न बाग आंदोलन का समर्थन कर रही है, ये हंसने योग्य बात है। भाजपा का सं’विधान से कोई संबंध नहीं है।

प्रद’र्शन में मुख्य रूप से सक्रिय रहे मेराज खान ने आप पार्टी के आ’रोपों को नि’राधार बताया है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें सबकुछ पता ही है तो फिर पहले अपना रुख स्पष्ट क्यों नहीं किया? वो छह महीने पहले सत्ता में आए हैं।