‘अपने समय से दो सौ साल आगे था बादशाह अकबर’: पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज

सुप्रीमकोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू, जिन्होंने मुग़ल शासक अकबर के बारें में बताया कि, ‘अकबर ऐसा राजा था जो अपने समय से दो सौ साल आगे था। हिन्दुस्तानी ही नहीं बल्कि, पूरे विश्व में वह उस समय का सबसे महान राजा था।

अकबर का जन्म 1542 में हुआ था और उसका देहांत हुआ था 1605 में। अकबर के समय में यूरोप में मजह’ब के नाम पर बहुत क’त्लेआम हो रहा था। काटजू ने बताया कि, एक-दुसरे ध’र्म के लोग आपस में बहुत मा’र-का’ट कर रहे थे।

लेकिन उस समय अकबर राजा की पालिसी थी कि, सभी ध’र्मों को बराबर इज्जत दी जाये। हालाँकि, अकबर राजा की दीन-ए-इलाही योजना बुरी तरह फ़ैल हो गई थी। मुग़ल शासक अकबर राजा ने दीन-ए-इलाही के नाम पर कॉमन रिलिजन बनाने की कोशिश की थी, लेकिन बाद में वह बुरी तरह फ़ैल हो गई थी।’

मार्कंडेय काटजू ने बताया कि, ‘अकबर की जो दूसरी पालिसी थी ‘सुलह पुल’ अकबर की यह योजना बहुत ही शानदार तरीके से सफल हुई और हिन्दुओं के लोगों को भी बड़े-बड़े पद दिए गए। जिनमें से आप जानते ही हैं, बीरबल, अकबर का सेनापति मानसिंह, इन लोगों को ऊँचे पदों पर रखा गया और सब ध’र्मों के लोगों को बराबर इज्जत दी गई थी।’

मार्कंडेय काटजू ने बताया कि, ‘आप अभी जो है वो अकबर राजा की देन है और उसी नियति पर हिंदुस्तान चल रहा है और उसी को आगे बढाया पंडित जवाहरलाल नेहरु ने। जिन्होंने मॉडर्न सेक्युलर संविधान की रचना की थी। जिसमें सभी को बराबर का दर्जा दिया गया। मार्कंडेय काटजू ने बताया कि, ‘असल में इधर क्या होता है कि, ईमेल आया है या कोई संदेश आया है कि, इंडियन मुजा’हिदीन ने इसकी जिम्मेदारी ली है।

काटजू ने बताया कि, क्या आप संदेश भेज रहे हैं कि, पूरा मुस्लिम समाज आ’तंकवा’दी है? मुसलमानों के पास और कोई काम ही नहीं है ब’म फें’कने के अलावा? काटजू ने बताया कि, आप लोग सा’म्प्रदायिकता को आप लोग बढ़ावा दे रहे हैं।’

काटजू ने बताया कि, हर कौम के ज्यादातर लोग अच्छे ही होते हैं। कुछ ही लोग हर कौम में बुरे होते हैं, लेकिन अक्सर आप लोग पूरे मुस्लिम समाज को एक ही नाम से पेंट कर देते है कि, ये आ’तंकवादी है। लेकिन अक्सर क्या होता है कि, जब भी कोई घटना होती है तो मुसलमानों को पुलिस पकड़ लेती है और सही जांच तो करती नहीं है लेकिन 8 से 10 साल बाद अदालत फैसला सुनाती है कि, ये बेगुना’ह है।’

लेकिन अब हमारे देश के सामने बहुत ही भीषण समस्याओं ने जन्म ले लिया है। भारत बहुत ही संक’ट की स्थिति से गुजर रहा है।