टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और स्टार क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी को लेकर पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने एक मजेदार किस्सा सुनाया है। धोनी ने जब अपना इंटरनैशनल करियर शुरू किया था, उस समय कैफ अपने करियर के बेस्ट दौर में थे। धोनी के साथ कैफ एक-दो साल ही खेल सके और इसके बाद वो टीम में वापसी नहीं कर सके।
कैफ ने टीम इंडिया के लिए आखिरी इंटरनैशनल मैच 2006 में खेला था और 2018 में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहा था। कैफ ने एक बार का किस्सा सुनाया, जब उन्होंने टीम इंडिया को अपने घर खाने पर बुलाया था और उस समय सीनियर खिलाड़ियों पर ध्यान देने के चक्कर में वो धोनी और सुरेश रैना जैसे जूनियर खिलाड़ियों को अच्छे से अटेंड नहीं कर सके थे।
कैफ ने बताया कि उन्होंने नोएडा में अपने घर में टीम इंडिया को डिनर पर बुलाया था। पहली बार वो सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली जैसे बड़े क्रिकेटरों को अपने घर पर बुला रहे थे, जिसको लेकर वो थोड़ा नर्वस भी थे।
स्पोर्ट्सस्क्रीन से बात के दौरान उन्होंने कहा, ‘2006 में नोएडा में मैंने सभी भारतीय क्रिकेटरों को अपने घर पर खाने के लिए बुलाया था। ग्रेग चैपल, सौरव गांगुली जैसे बड़े क्रिकेटर्स को मैंने बुलाया था और मैं इस बात को लेकर नर्वस था कि मैं इन लोगों को किस तरह से अटेंड करूंगा। मैं उस समय तेंदुलकर, गांगुली जैसे बड़े खिलाड़ियों की मेहमाननवाजी में लगा हुआ था।’
कैफ ने बताया कि धोनी ने एक बार मजाक में उन्हें कहा भी था कि उन्होंने उनको अच्छे से अटेंड नहीं किया था। कैफ ने बताया कि उन्हें अभी भी याद है कि वो अपने घर पर जूनियर क्रिकेटर्स को अच्छे से अटेंड नहीं कर सके थे। उन्होंने बताया कि धोनी, रैना उन युवा क्रिकेटरों में शामिल थे, जो अलग कमरे में बैठे थे।
कैफ ने कहा, ‘धोनी, रैना और बाकी जूनियर खिलाड़ी अलग कमरे में थे। सचिन, गांगुली जैसे सीनियर खिलाड़ी अलग कमरे में बैठे थे। मैं ज्यादातर समय सीनियर खिलाड़ियों के साथ बैठा था। जूनियर खिलाड़ियों पर मैं ज्यादा ध्यान नहीं दे सका था।’
कैफ ने कहा, ‘एमएस (धोनी) को शायद अच्छा नहीं लगा था कि मैं उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दे सका था, यही कारण था कि 2007 में धोनी जब कप्तान बने तो मैं टीम में वापसी नहीं कर सका (ठहाका लगाते हुए), वो हमेशा मुझे याद दिलाते रहते हैं कि जब वो घर आए थे तो मैंने उनका अच्छे से ध्यान नहीं रखा था।’