बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौ’त को मीडिया ने बड़े पै’माने पर कवरेज दिया था। रिपब्लिक टीवी ने तो सुशांत की आत्महत्या पर सैकड़ों प्राइम टाइम डिबेट किए थे। लगभग कई महीनों तक हर रोज़ ही उनकी आ’त्मह’त्या पर बहस की जाती थी। लेकिन किसान आंदोलन में आए संत बाबा राम सिंह ने खुद को गो’ली मा’रकर आ’त्मह’त्या कर ली, इस पर किसी तरह के डिबेट का आयोजन नहीं किया गया।
इसी बात पर सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने सवाल उठाया है। जस्टिस काटजू ने ट्विटर पर एक तस्वीर शेयर की जिसमें एक तरफ सुशांत सिंह राजपूत और दूसरी तरफ़ बाबा राम सिंह हैं। तस्वीर के नीचे वाले हिस्से में अर्नब गोस्वामी की तस्वीर लगी है। सुशांत वाली तस्वीर के नीचे लिखा है, ‘पूछता है भारत- डि’प्रेशन और अपने करियर को लेकर सु’साइड की। फिर भी रिपब्लिक टीवी द्वारा सैकड़ों डिबेट और कवरेज दिया गया।’
बाबा राम सिंह की तस्वीर के नीचे लिखा गया है, ‘किसानों की खराब हा’लत और सरकार की अनदेखी के कारण इन्होंने सु’साइड किया। फिर भी रिपब्लिक टीवी द्वारा एक भी डिबेट नहीं किया गया।’ किरण दीप नाम के यूजर ने लिखा, ‘सुसाइड नहीं है ये शहीदी दी है अपनी राम सिंह जी ने।’
हिंदू योद्धा नाम के एक यूज़र ने लिखा, ‘महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार में भी तो किसान मरे थे, मरे तो 1984 में सिख भी थे, कश्मीरी पंडित भी मरे, केरल में हिं’दू भी म’रे, बंगाल में अब भी मर रहे हैं। उनके लिए आपके मुंह से आवाज़ निकली हो, ध्यान नहीं आता। आपकी आवाज़ कब कब और किस किस मु’द्दे पर निकलती है, पूछता है भारत।’
अनुराग चतुर्वेदी नाम के यूज़र लिखते हैं, ‘दिल्ली में 3 से 4 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया जा रहा है। इतने तापमान में देश का किसान दिल्ली की सरहद पर डेरा जमाए हैं। इनमें बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल हैं। सरकार के जिम्मेदारों को श’र्म आनी चाहिए। धि’क्कार है।’
सईद शरीफ नाम के यूज़र लिखते हैं, ‘सुशांत के समय इल्जाम महाराष्ट्र सरकार पर था और बिहार चुनाव जीतना था इसलिए शोर था। अब इल्जाम केंद्र सरकार पर है इसलिए शांति है।’ अधिकतर यूजर्स रिपब्लिक टीवी की इस मु’द्दे पर बिल्कुल शांत रहने पर आलोचना कर रहे हैं।