जनता दल यूनाइटेड ने एनडीए में समन्वय समिति बनाने की मांग की है। पार्टी ने इससे पहले पेगासस स्पाइवेयर मुद्दे की जांच की भी मांग की थी। साथ ही जाति जनगणना के मुद्दे पर भी पार्टी ने विपक्षी दल राजद के साथ मिलकर हाल ही में प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। वहीं
राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, जद (यू) के प्रमुख महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा: “जिस तरह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान एनडीए की एक समन्वय समिति थी, हम अब इसी तरह की एक समिति का स्वागत करेंगे जो कई मुद्दों पर चर्चा करेगी। जिन मुद्दों पर हम अलग हैं। यह गठबंधन के सुचारू कामकाज में मदद करेगा और एनडीए गठबंधन के नेताओं की अनुचित टिप्पणियों पर भी लगाम लगाएगा।”
बाद में,इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, त्यागी ने कहा, “हमने पार्टी की राष्ट्रीय परिषद में एक प्रस्ताव पारित किया है कि नीतीश कुमार पीएम की दौड़ में नहीं हैं, लेकिन उनमें वो सभी गुण हैं जो एक पीएम में होने चाहिए”। इस तरह के प्रस्ताव की आवश्यकता के बारे में पूछे जाने पर, त्यागी ने कहा कि अक्सर इस तरह की चर्चाएं होती रहती है और जदयू इस तरह की बातों पर अपना स्टैंड क्लियर रखना चाहती है।
JD(U) turns up heat on BJP, wants NDA panel, says Nitish has ‘all qualities of PM’ https://t.co/m0vC1AfImP via @IndianExpress
— Raju Parulekar (@rajuparulekar) August 30, 2021
जद (यू) नेता ने यह भी कहा कि पार्टी जाति जनगणना की मांग करना जारी रखेगी। उन्होंने कहा, ‘हम पीएम की सकारात्मक प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। जद (यू) की तरफ से एक समन्वय समिति की मांग के बारे में पूछे जाने पर, भाजपा नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि हम इसका समर्थन करते हैं क्योंकि यह हमें विभिन्न मुद्दों पर समन्वय करने में मदद करेगा।
गौरतलब है कि 23 अगस्त को, नीतीश कुमार ने जाति जनगणना के मुद्दे पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए 10-पक्षीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग कर फोन की निगरानी के आरोपों की जांच की भी मांग की थी।
हालांकि भाजपा जाति जनगणना के संबंध में कोई भी कदम उठाने से बचना चाह रही है, खासकर उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए। पार्टी के कई नेताओं ने निजी तौर पर कहा है कि पार्टी ओबीसी का विरोध करने का जोखिम नहीं उठा सकती है, क्योंकि ओबीसी मतदाताओं ने हाल के वर्षों में पार्टी के लिए जमकर वोट किया है।
बताते चलें कि 20 जुलाई को, लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि भारत सरकार ने एससी और एसटी के अलावा अन्य जाति-वार आबादी की गणना नहीं करवाने का निर्णय लिया है।