हरियाणा की महिला आईएएस अफसर रानी नागर मामले पर सियासत शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने रानी नागर मामले में प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने खट्टर सरकार से सवाल करते हुए ट्वीट किया है कि आखिर एक महिला अफसर के सम्मान को लेकर राज्य सरकार चुप क्यों है?
हरियाणा की महिला आईएएस अफसर रानी नागर को, ’नौकरी के दौरान अपनी जान को खतरा’ के कारण अन्ततः अपनी नौकरी से ही इस्तीफा देकर वापस अपने घर यूपी लौट आना पड़ा है, जो अति-दुःखद व अति-दुर्भाग्यपूर्ण। महिला सुरक्षा व सम्मान के मामले में ऐसी सरकारी उदासीनता व अन्यों की चुप्पी क्यों?
— Mayawati (@Mayawati) May 6, 2020
उन्होंने लिखा- हरियाणा की महिला आईएएस अफसर रानी नागर को नौकरी के दौरान अपनी जा’न को खतरे के कारण अपनी नौकरी से ही इस्तीफा देकर वापस अपने घर यूपी लौट आना पड़ा है, जो अति-दुःखद व अति-दुर्भाग्यपूर्ण है। महिला सुरक्षा व सम्मान के मामले में ऐसी सरकारी उदासीनता व चुप्पी क्यों?
आपको बता दें कि हरियाणा कैडर की 2014 बैच की आईएएस रानी नागर ने 4 मई को चंडीगढ़ में कर्फ्यू हटते ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के पीछे कारण सरकारी डयूटी पर व्यक्तिगत सुरक्षा को बताया गया है। उन्होंने ईमेल से मुख्य सचिव हरियाणा को इस्तीफा भेजा था।
इसकी प्रति राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, संबंधित विभागों के प्रधान सचिव व निदेशकों को भेजी थी। रानी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के नियमों का हवाला देते हुए इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह किया है।
पद से इस्तीफा देने के बाद रानी नागर सोमवार को ही बहन रीमा नागर के साथ अपने पैतृक नगर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद लौट गईं थीं।
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर बताया था जा’न को ख’तरा
अप्रैल में रानी नागर ने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर, ट्वीट व फेसबुक पोस्ट के जरिये अपनी व बहन की जान को ख’तरा बताया था। उन्होंने उसी समय कर्फ्यू हटने पर इस्तीफे व घर जाने की बात कही थी।
30 अप्रैल व 01 मई को भी उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली, जिनमें गाजियाबाद जाने के लिए गाड़ी व पास मुहैया कराने की मांग की थी। साथ ही बताया था कि अभी तक उन्हें सुरक्षा नहीं मिली है। चंडीगढ़ में वह दिसंबर 2019 से सेक्टर-6 स्थित यूटी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 311 में किराए पर रह रही थीं। उनके साथ बहन रीमा नागर भी थी।