नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्’मू-कश्’मी’र में अ’र्ध’सैनि’क ब’लों की तैनाती की समीक्षा की है। सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश से विभिन्न अ’र्ध’सैनि’क ब’लों की 100 कंपनियों को वापस बुलाने का फैसला किया है। गौर करने वाली बात यह है कि यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जब ची’न के साथ पूर्वी लद्दा’ख में त’नाव बरकरार है। यही नहीं हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को इस केंद्र शासित प्रदेश का उप राज्यपाल बनाया गया है। राज्य में नए उपराज्यपाल की नियुक्त के साथ केंद्र सरकार का जोर तेजी से हाला’त को सामान्य बनाने पर है।
भले ही केंद्र ने अ’र्ध’सैनि’क ब’लों की 100 कंपनियों को वापस बुलाने का फैसला किया है लेकिन संकेतों से साफ है कि देश को अ’स्थिर करने की सा’जिश र’च’ने वाले आ’तंकि’यों के खिला’फ कार्र’वाई में किसी तरह की ढी’ल नहीं दी जाएगी। हाल ही में उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि क”श्मीर में नागरिकों की ह’त्या करने वाले आ’तंकि’यों को ब’ख्शा नहीं जाएगा।
हाल ही में ज’म्मू-क’श्मी’र प्रशासन ने एक बड़ा फैसला करते हुए प्रदेश के दो जिलों में ट्रा’यल के आधार पर 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल कर दिया है। कश्मीर संभाग के गांदरबल जिले और जम्मू संभाग के ऊधमपुर जिले में रविवार रात नौ बजे से 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा को बहाल किया गया है। सरकार का जोर विधानसभा चुनाव के लिए भी अनुकूल माहौल तैयार करने पर है।
प्रशासन ने ज’म्मू-क’श्मी’र में आर्थिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए हाल ही में एक कमेटी का गठन किया है। कमेटी आर्थिक माहौल का जायजा लेगी। प्रशासन ने यह भी तय किया है कि हाउस बोट के पंजीकरण, लाइसेंस नवीकरण के दिशा निर्देश को लेकर भी समीक्षा की जाएगी। बीते दिनों यह फैसला उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीन’गर में क’श्मीर चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के प्रति’निधियों से बातचीत कर व्यापारी वर्ग की सम’स्या’ओं को सुनने के समय किया। प्रशासन ने बिजली मा’फी योजना को भी तीस सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया है।