कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक ट्वीट के जरिए केंद्र सरकार पर निशा’ना सा’धा है। उन्होंने कहा कि भारत-ची’न सी’मा विवा’द के बीच भी मोदी सर’कार ची’नी बैंकों से गुपचुप कर्ज ले रही थी। सुरजेवाला ने बुधवार (16 सितंबर, 2020) को कहा कि गल’वान घा’टी में सै’निक कु’र्बानी देते हैं, सेना सी’ना ता’ने जा’न हथे’ली पर लिए ख’ड़ी है। ऐसे में…. मोदी जी ऐप्स बै’न कर तो वाहा-वा’ही लूटते हैं और ची’न की सर’कार के बैंक से गु’पचुप क’र्ज लेते हैं। यही है झू’ठी रा’ष्ट्र भ’क्ति, नहीं चाहिए ची’न का पैसा, देश के स्वा’भि’मान पर समझौ’ता मंजूर नहीं।’
कांग्रेस प्रवक्ता ने अपने दा’वे के पक्ष में अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ की खबर का एक स्क्रीन शॉ’ट भी शेयर किया है। खबर के मुताबिक मोदी सरकार ने औ’पचारिक रूप से पुष्टि की है कि भारत ने सी’मा पर गति’रो’ध के बीच ची’न नियंत्रित बैंक से 1,350 मिलियन डॉलर (करीब 9,202 करोड़ रुपए) के कुल दो क’र्ज लिए।
15 जून को गल’वा’न घा’टी में भारत-ची’न सी’मा विवा’द के बीच जहां देश के 20 सै’निक श’हीद हो गए थे, वहीं 19 जून को प्रधानमंत्री ग’रीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत किए गए उपायों का समर्थन करने के लिए एशि’यन इन्फ्रा’स्ट्रक्च’र इन्वेस्ट’मेंट बैं’क (AIIB) के साथ 750 मिलियन डॉलर (करीब 5,521 करोड़ रुपए) के एक क’र्ज स’मझौ’ते पर हस्ताक्षए हुए।
चीन बीजिंग में स्थित AIIB का सबसे बड़ा शेयर धारक हैं। सुरेजवाला के ट्वीट पर सोशल मीडि’या यूजर्स भी जमकर प्रति’क्रिया दे रहे हैं। मनोज अग्रवाल @manoj_indore लिखते हैं, ‘AIIB में भारत का भी 8 फीसदी शेयर है और मोदी सरकार ने AIIB से लो’न लिया है ना की ची’न से, अधूरी खबर बता कर दे’श को गु’म’राह करना बंद करो।’
एक यूजर @YAYATI_YADAV लिखते हैं, ‘कांग्रेस होती तो ना ऐ’प बंद होते ना से’ना अपनी परा’क्र’म दिखा पाती। सिर्फ कमेटी बनती और डोजियर तैयार होते और ची’न छेद करते रहते।’ इसी तरह सुनील @SunilKu34812849 लिखते हैं, ‘भारत उस बैं’क का सदस्य है और बैंक का हेडक्वार्टर अगर ची’न में है तो क्या उसकी सद’स्यता छोड़ दी जाएगी।
विश्व बैंक का मुख्यालय अमरीका में है तो क्या ची’न विश्व बैंक से मदद नहीं लेगा। बातें हमेशा अनपढ़ों वाली ही करना आखिर कांग्रेसी बुद्धि ही दिखाओगे।’ राज सिंह @ah9OpGUym30869b लिखते हैं, ‘ची’न और पा’किस्तान से पैसे लेने वाली आपकी ही पार्टी है, सुरजेवाला जी।’
प्रदीप कुमार @Pradeep24171613 लिखते हैं, ‘जिस देश से ल’ड़ाई ल’ड़ना तय हो उसकी आर्थिक स्थिति तो’ड़ना जरुरी होती है। यु’द्ध के बाद क’र्ज कौन लौटाता है। याद है न कांग्रे’स_मु’क्त_भारत के लिए सबसे पहले कांग्रेस को आर्थिक और मानसिक रुप से कम’जोर करना था और वो मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने कर दिखाया।’
गोपाल @GopalSa22721269 लिखते हैं, ‘यह खबर ची’न ने बताई या अपने मन मे आया लिख दिया। जो सरकार ची’नी सर’कार की बें’ड बजा रखी है। वही सरकार मोदी को क’र्ज देगी… क्यों अपने आपको बेव’कूफ सा’बित करने में लगे हो?? जनता सब समझती है, अब अंगूठा नहीं लगाती सब पढ़े लिखे है।’
गलवान घाटी में सैनिक क़ुर्बानी देते हैं,
सेना सीना ताने जान हथेली पर लिए खड़ी है,
ऐसे में….मोदी जी
ऐप्स बैन कर तो वाहा-वाही लूटते हैं,
और
चीन की सरकार के बैंक से गुपचुप क़र्ज़ लेते हैं।यही है झूठी राष्ट्र भक्ति,
नही चाहिए चीन का पैसा,
देश के स्वाभिमान पर समझौता मंज़ूर नही। pic.twitter.com/8nTNvr5boj— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 16, 2020