गुलाम नबी आजाद ने पीएम मोदी की तारीफ में कह दी ये बात, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ बयान

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ करते हुए कहा कि पीएम कहते हैं कि उन्होंने बर्तन मांजे…चाय बेची। यही होना भी चाहिए। गर्व से अपने समय को याद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुराने वक्त को सच्चाई से याद करने वाले ही बड़े नेता होते हैं।

गुलाम नबी आजाद ने एक कार्यक्रम में कहा कि उन्हें बहुत सा’रे नेताओं की बहुत सी अच्छी-अच्छी बातें पसंद आती हैं। आजाद बोले, जैसे कि हमारे प्राइम मिनिस्टर हैं, वो कहते हैं कि मैं बर्तन मां’जता था और चाय बेचता था। सियासी तौर पर हम उनके खि’लाफ हैं, लेकिन कम से कम वे असलियत वे नहीं छि’पाते हैं। आपने अपनी असलि’यत छि’पाई तो आप एक ख्याली और बनावटी दुनिया में रहते हैं। आदमी को अपनी असलियत पर फख्र होना चाहिए।

पूर्व राज्यसभा सांसद आजाद ने कहा, मैं दुनिया के सौ से ज्यादा मु’ल्कों में घू’मा हूं, 5 सितारा औऱ 7 सितारा हो’टलों में भी ठहरा हूं, लेकिन जब मैं अपने गांव के लोगों से मिलता हूं, फिर चाहे उनके कपड़े ज्यादा धु’ले हुए न हों, तो अलग सी खुशबू आती है। उसका अलग ही मजा है।

बता दें कि गुलाम नबी आजाद का पीएम मोदी के साथ इमोशनल रिश्ता है। आपको वो तस्वीर भी याद होगी जब संसद में गुलाब नबी आज़ाद को वि’दाई देते हुए प्रधानमंत्री भावुक हो गए थे। पीएम मोदी ने कहा था कि जो व्यक्ति ग़ुलाम नबी जी (विपक्ष के नेता के रूप में) का स्थान लेगा, उसे अपना काम करने में कठि’नाई होगी क्योंकि वह न केवल अपनी पार्टी के बारे में बल्कि देश और सदन के बारे में चिं’तित थे।

पीएम मोदी ने कहा था, “जब आप मुख्यमंत्री थे, मैं भी एक राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर काम करता था, हमारी बहुत गहरी नि’कटता रहती थी, शायद ही कोई घ’टना मिलेगी जब हम दोनों के बीच संपर्क सेतु नहीं रहा, एक बार गुजरात के यात्रियों पर आतं’कवादियों ने हम’ला कर दिया, सबसे पहले गुलामनबी जी का मुझे फोन आया।

सिर्फ सूचना देने का नहीं, उनके आंसू, रुक नहीं रहे थे, फोन पर उस प्रमब मुखर्जी साहब रक्षा मंत्री थे और पूछा कि अगर श’वों को लाने के लिए फो’र्स का जहा’ज मिल जाए, उन्होंने कहा आप चिं’ता मत करिए मैं व्यवस्था करता हूं, लेकिन रात में फिर गुलामनबी जी का फोन आया, वे एयरपोर्ट पर थे, उन्होंने फोन किया और जैसे अपने परिवार के सदस्य की चिं’ता करता है कोई वैसी चिं’ता की।”