गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा है कि संविधान, धर्मनि’रपेक्षता और कानू’न की बात तब तक चलेगी, जब तक हिंदू’ बहुसंख्यक हैं। पर अगर एक बार यह समुदाय अल्पसंख्यक हो गया, तो फिर “कुछ भी नहीं रहेगा”।
डिप्टी सीएम ने शुक्रवार (27 अगस्त, 2021) को यह टिप्पणी गांधीनगर में भारत माता मंदिर में की, जिसे सूबे का पहला भारत माता का मंदिर माना जाता है। मंदिर में विश्व हिं’दू परिषद (विहिप) द्वारा आयोजित मूर्ति प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान वह बोले, “हमारे देश में कुछ लोग संविधान और धर्मनिरपेक्षता की बात करते हैं।
लेकिन मैं आपको बताता हूं और अगर आप इसे वीडियो रिकॉर्ड करना चाहते हैं, तो इसे करें…मेरे शब्दों को लिखकर रख लें। संविधान, धर्म’निरपेक्ष’ता और कानू’न आदि की बात करने वाले ऐसा तब तक करेंगे जब तक कि इस देश में हिं’दू बहुसंख्यक हैं…जिस दिन…हिं’दुओं की संख्या घ’टती है, दूसरों की वृद्धि होती है, तब न धर्म’निरपेक्षता, न लोकसभा और न सं’विधान।
सब कुछ हवा-हवाई होगा और दफन हो जाएगा। कुछ नहीं रहेगा।” लगभग 37 मिनट के भाषम में पटेल ने आगे कहा, “मैं सबकी बात नहीं कर रहा हूं। मैं यह साफ भी कर दूं। लाखों मु’सलमान और ईसाई दे’शभक्त भी हैं। हजारों मु’स्लिम भारतीय सैन्य बलों और गुजरात पुलिस फोर्स में हैं।
वे सभी देश भक्त हैं।” कार्यक्रम में पटेल ने जब ये बातें कहीं, तब वहां गुजरात के गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा के साथ विहिप और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता मौजूद थे।
धर्मां’तरण कानू’न की धा’राओं पर रोक के खि’लाफ जाएं शीर्ष अदालत’: पटेल ने अहमदाबाद में कहा कि राज्य सरकार उच्च न्यायालय के बीते हफ्ते के उस आदेश के खि’लाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खट’खटाएगी, जिसमें धर्म परिवर्तन के खि’लाफ वि’वादास्पद कानू’न की कुछ धा’राओं, जिनमें मूल प्रवाधान भी शामिल हैं पर रो’क लगाई गई है।
गुजरात उच्च न्यायालय ने अन्य धाराओं समेत धारा 5 के उपयोग पर रोक लगा दी थी, जो मुख्य रूप से शादी के माध्यम से धर्मांतरण से संबंधित हैं। वहीं, राज्य की भाजपा सरकार के अनुसार, यही धारा पूरे अधिनियम का ”मूल” है और इस पर रो’क से पूरा कानू’न प्रभावित होता है।
पटेल पत्रकारों से बोले, ”गुजरात सरकार अपनी आय, जीवन शैली और ध’र्म के बारे में झूठ बोलकर ल’ड़कियों को फं’साने की कोशिश करने वाले असामाजिक त’त्वों से बेटियों को बचाने के लिए इस कानू’न को लायी जोकि लव जि’हाद विरो’धी कानू’न के रूप में लोकप्रिय है।
ल’ड़कियों को शादी के बाद पता चलता है कि पुरुष दूसरे ध’र्म का है और कुछ नहीं कमाता।” उन्होंने कहा, ”चूंकि, कुछ लोगों ने नए कानून के प्रावधानों को चु’नौती दी है, उच्च न्यायालय ने हाल ही में कानू’न पर रो’क लगा दी है। हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों और हमारे महाधिवक्ता से परा’मर्श करने के बाद मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस रोक को उच्चतम न्यायालय में चु’नौती देने का फैसला किया है।”