‘गोदी मीडिया के पत्रकारों से बेटी मत ब्याहना’, जानिए आखिर रवीश कुमार ने क्यों कसा ऐसा तंज

कानपुर से सटे उन्नाव के मियागंज ब्लॉक में सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने कृष्णा तिवारी नाम के पत्रकार पर हम’ला कर दिया। दौड़ाने के बाद उन्हें पकड़ कर पी’टा। हैरत की बात है कि इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक बंबा लाल के गु’र्गों ने भी पत्रकार की पि’टाई की।

घटना के दौरान पूरे तमा’शे का वी’डियो बनता रहा, पर पत्रकार को बचाने की किसी ने पहल न की। फोटो खिंचते रहे, वीडियो बनते रहे और पि’टाई की पूरी घटना कैमरे में कैद होती रही। तिवारी की पि’टाई के विरो’ध में उन्ना’व के पत्रकार धरने पर भी बैठे।

यूपी के इसी घटनाक्रम पर वरिष्ठ टीवी पत्रकार रवीश कुमार ने एक फेसबुक पोस्ट के बहाने तंज कसा कि गोदी मीडिया के पत्रकारों से अपनी बेटी मत ब्याहना। NDTV से जुड़े कुमार ने लिखा, “यूपी में जैसे हिं’सा हो रही है, उसे छोड़कर दिल्ली के पत्रकारों को लिखने का टॉपिक दिया जा रहा है कि वे मोदी मंत्रिमंडल विस्तार को मंडल के दौर से जोड़ें। जल्दी ही मंडल से जोड़कर कई लेख मिलेंगे, क्योंकि ऐसा लिखने को थीम सप्लाई हुई है।”

बकौल रवीश, “गोदी मीडिया के पत्रकारों को भी अफसर पीट रहे हैं। उनके चैनल ख़ामोश हैं। इन चैनलों के पत्रकारों को गुमान रहा होगा कि उनका एंकर सरकार की जूती चाटता है तो अफसर थ’प्पड़ लप्प’ड़ नहीं मा’रेगा। अपने पत्रकार के पी’टे जाने के बाद भी इन चैनलों ने उफ़्फ़ तक नहीं की। आम लोग इस डिज़ाइन को ठीक से समझें। इसके बदले हीरा-मोती नहीं मिलेगा। एक ऐसी व्यवस्था मिल रही है जहां आपकी औक़ात मच्छर के समान हो गई है।”

उन्होंने आगे यह भी लिखा- लड़की वालों से अनुरोध है कि शादी ब्याह तय करते समय गोदी मीडिया के चैनलों के पत्रकारों से अपनी बेटी का रिश्ता तय न करें। आपका दामाद सरकार की गाएगा तो आपको अच्छा लगेगा लेकिन सरकार से ला’त जू’ता खा कर आएगा तो अच्छा न लगेगा। सैलरी भी खराब मिलती है। आप पत्रकार समझ कर शादी करेंगे, लेकिन वो निकलेगा दला’ल और उसके बाद भी जो अफसर चाहेगा चौराहे पर कू’ट देगा।

बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार देश-दुनिया से लेकर बुनियादी मुद्दों पर समय-दर-समय बेबाकी से अपनी राय रखते हैं। फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट्स के जरिए वह जरूरी सवाल उठाते रहते हैं।