मोदी सरकार में मंत्री और पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने 15 जून की रात गलवान घाटी में भारत-तीन सैनिकों के बीच हुई हिं’सक झ’ड़प को लेकर बड़ा खुलासा किया है. एबीपी न्यूज से बातचीत में उन्होंने कहा, गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच एक रहस्यमय आ’ग की वजह से हिं’सक झ’ड़प हुई. ये आग चीनी सैनिकों के टेंटों में लग गई थी.
वीके सिंह ने क्या-क्या कहा है?
जनरल वीके सिंह ने बताया, भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल पर बातचीत में ये फैसला हुआ था कि बॉर्डर के पास कोई भी सैनिक मौजूद नहीं होगा. लेकिन जब 15 जून की शाम कमांडिंग ऑफिसर बॉर्डर पर चेक करने गए तो देखा कि चीन के सभी लोग वापस नहीं गए थे. वहां चीनी सैनिकों का तंबू मौजूद था. कमांडिंग ऑफिसर ने तंबू ह’टाने के लिए कहा.
इस बीच जब चीनी सैनिक तंबू ह’टा रहे थे, तभी अचा’नक आ’ग लग गई. आग लगने के बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच झ’ड़प हो गई. भारतीय सैनिक चीनियों पर हा’वी हो गए. दोनों देशों ने अपने और लोग बुलाए. हिं’सक झ’ड़प के दौरान चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मा’रे गए. ये बात सही है.
15-16 जून की दरम्यानी रात भारत-चीन सैनिकों के बीच हिं’सक झड़प में कर्नल संतोष समेत भारत के 20 जवान श’हीद हुए थे, जबकि 43 चीनी सैनिकों की भी मौ’त हुई थी. जनरल वीके सिंह का ये बयान इसलिए अहम है क्योंकि अबतक ये दा’वा किया जा रहा था कि कर्नल संतोष की धो’खे से ह’त्या की गई, जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने चीनियों के टैंट में आ’ग ल’गा दी थी.
रहस्यमय आग ?
शुरुआत में ये बात सामने आई थी कि भारतीय सैनिकों ने चीन के टैंट में आ’ग लगाई थी. लेकिन हमें ये बात ध्यान रखनी चाहिए कि जनरल वीके सिंह मोदी सरकार में मंत्री हैं और पूर्व थल सेनाध्यक्ष भी हैं, इसलिए वह सीधे तौर पर ये बात नहीं कह सकते हैं. संभव है कि इसलिए उन्होंने इस आ’ग को रहस्यमय आग नाम दिया है.