लॉकडाउन में बड़ी तादाद में बेरोजगार हुए मजदूरों को जल्द खुशखबरी मिल सकती है. राजस्थान सरकार लॉकडाउन में बेरोजगार हुए मजदूरों को पानी, बिजली और सिंचाई के प्रोजेक्ट्स में नरेगा के जरिए रोजगार देने की संभावनाओं पर विचार कर रही है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जलदाय और बिजली की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को इसके लिए संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए हैं. सीएम गहलोत ने अफसरों से कहा कि लॉकडाउन के दौरान काफी संख्या में मजदूर बेरोजगार हुए हैं, ऐसे में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, जल संसाधन और ऊर्जा विभाग के तहत चल रही परियोजनाओं में इन्हें नरेगा के तहत काम दिए जाने की संभावनाएं तलाशी जाएं.
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद अफसरों ने बेरोजगार मजदूरों को काम देने के लिए प्रोजेक्ट्स की पहचान कर तैयारियां शुरू कर दी हैं.
नरेगा को इंफ्रास्ट्रक्चर उद्योग से जोड़ने की दिशा में पहला कदम
बता दें कि लॉकडाउन में लाखों मजदूर बेराजगार हुए हैं. सरकार अब नरेगा के जरिए बिजली, पानी के प्रोजेक्ट्स में रोजगार देने की संभावनाएं तलाश रही है. सरकार का यह नरेगा को इंफ्रास्ट्रक्चर उद्योगों से जोड़ने की दिशा में पहला प्रयोग है.
अगर यह प्रयोग सफल रहा तो आने वाले दिनों में नरेगा श्रमिकों को उद्योगों में भी काम दिया जा सकता है. इसमें सरकार और उद्योग दोनों का फायदा है, इससे उद्योगों और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को सस्ते श्रमिक मिलेंगे, साथ ही उत्पादकता भी बढ़ेगी.
हैंडपम्प और नलकूपों की मरम्मत में तेजी लाने के निर्देशसीएम अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जलदाय महकमे के कामों और पेयजल आपूर्ति की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति सुचारू रूप से करने और हैंडपंप और नलकूपों की मरम्मत के कामों में तेजी लाने के निर्देश दिए.
सीएम ने अफसरों को 48 घंटे से अधिक समय के अंतराल से पेयजल आपूर्ति वाले क्षेत्रों में यह अंतराल कम करने के लिए कार्ययोजना बनाने को कहा है. उन्होंने कहा कि लोगों को पीने का पानी कम से कम 48 घंटे में एक बार मिले, यह सुनिश्चित किया जाए.
गर्मियों में कोई प्यासा नहीं रहे, पेयजल आपूर्ति की होगी हर सप्ताह समीक्षा
सीएम गहलोत ने अफसरों से स्पष्ट कहा कि गर्मी के मौसम में कोई भी प्यासा नहीं रहे. टैंकरों से पेयजल सप्लाई की तैयारी रखी जाए. उन्होंने पेयजल सप्लाई की नियमित समीक्षा करने को कहा है. मुख्य सचिव स्तर पर मासिक, जलदाय के प्रमुख सचिव और कलेक्टरों के स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा करनी होगी.
सीएम ने आंधी-तूफान से क्षतिग्रस्त बिजली लाइनों को ठीक कर के जल्द बिजली आपूर्ति बहाल करने के भी निर्देश दिए. वीसी में जलदाय और ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि राज्य सरकार ने फरवरी माह में ही 65 करोड़ रुपए का कंटीन्जेंसी प्लान मंजूर कर सभी जिला कलक्टर्स को 50-50 लाख रुपए की आकस्मिक स्वीकृति के लिए अधिकृत कर दिया है.