लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों में हुई हिं’सक झ’ड़प अ’चानक ही नहीं हुई थी, बल्कि चीन ने इसके लिए पहले से तैयारी कर रखी थी. अमे’रिकी कांग्रेस की एक शीर्ष समिति ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में खु’लासा किया है कि चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने इस साल जून में गलवान घाटी (Galwan Valley) में हुई हिं’सा की सा’जिश रची थी.
इसका म’कसद बीजिंग का अपने पड़ोसी देशों के खि’लाफ दादागिरी दिखाने वाले अभियान को तेज करना था. चीन के सैनिकों द्वारा रात के अंधेरे में किये गए इस हम’ले में 20 भारतीय सैनिक शही’द हो गए थे.
सोची-समझी सा’जिश
अमेरिका-चीन आर्थिक और सुरक्षा समीक्षा आयोग (USCC) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि कुछ साक्ष्य यह बताते हैं कि चीन (China) ने सोच-समझकर हम’ले की सा’जिश रची थी. इसमें सैनिकों की ह’त्या की संभावना भी शामिल है. बता दें कि USCC की स्थापना वर्ष 2000 में हुई थी, जो अमेरिका-चीन के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यापार के मु’द्दों की जांच करता है. साथ ही यह अमेरिकी कांग्रेस को चीन के खि’लाफ विधायी और प्रशासनिक का’र्रवाई की सिफारिश भी करता है.
यह है संभावित कारण
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सरकार के वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर इस उक’सावे वाली कार्रवाई के पीछे का ठीक-ठीक कारण अभी पता नहीं चल सका है. लेकिन इसका संभावित कारण भारत द्वारा सीमाई इलाकों में रणनीतिक पहुंच को मजबूत करना है. इसमें सड़कों के निर्माण से लेकर की जा रहीं अन्य गतिविधियां शामिल हैं.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि गलवान घाटी (Galwan Valley) हिं’सा से कुछ सप्ताह पहले ही चीन के रक्षा मंत्री वेई ने अपने जवानों को स्थिरता लाने के लिए युद्ध करने को उत्साहित किया था. इतना ही नहीं, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने भी भारत को चे’तावनी दी थी. चीनी अखबार ने कहा था कि यदि भारत अमेरिका-चीन प्रतिद्वंदिता में शामिल होता है, तो उसे व्यापार और आर्थिक मोर्चे पर नु’कसान उठाना प’ड़ेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, गलवान हिं’सा से कुछ सप्ताह पहले ही सैटलाइट से मिली तस्वीरों में दिखाई दिया था कि चीन ने एक हजार जवानों को तै’नात किया था.