फे’सबुक का सत्ता’रूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ पक्ष’पात का आ’रोप लगाते हुए कई वि’पक्षी राजनीतिक द’लों ने आलो’चना की है और सवा’ल उठाए हैं। इस बीच फे’सबुक ने भाजपा नेता टी राजा पर हे’ट-स्पी’च नि’यमों को लागू करते हुए बै’न लगा दिया है। अमेरिकी अंग्रेजी अखबार द वॉ’ल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपो’र्ट के मुताबिक फे’सबुक ने भाजपा नेता टी राजा सिंह को सोश’ल मी’डिया प्लेटफॉर्म पर हे’ट-स्पीज और भ’ड़का’उ पोस्ट करने पर प्रति’बं’ध लगा दिया है।
डब्ल्यू’एसजे द्वारा भारत में सत्ता पक्ष के प’क्ष में क’थित पक्षपा’त की खबर के बाद फे’स’बुक ने पहले भी भाजपा नेता राजा सिंह के कुछ पोस्ट को ह’टा दिया था। फेसबुक कं’टेन्ट पॉलिसी को लेकर राजा सिंह विवा’द के केंद्र में हैं। भाजपा नेता ने ये भी दा’वा किया था कि 2018 में उनका आधिकारिक खा’ता ‘है’क और ब्लॉ’क’ हो गया था।
बुधवार को फे’सबुक के इंडिया हे’ड अजीत मोहन को संसदीय पैनल ने तलब किया था। जिसके बाद उनसे करीब दो घंटे तक पू’छताछ हुई, जिसमें भा’जपा और कांग्रेस दोनों पार्टी के पैनल के सदस्यों ने सोश’ल मी’डिया के दिग्ग’जों पर मि’ली’भग’त करने और इसे को प्रभा’वित करने का आ’रोप लगाया। इन आ’रोपो का कं’पनी ने खं’डन किया।
डब्ल्यूए’सजे ने इससे पहले फे’सबुक के अं’दरूनी सूत्रों के साथ साक्षा’त्कार का हवा’ला देते हुए दा’वा किया था कि कंपनी के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारियों में से एक ने हस्त’क्षे’प करते हुए तेलंगाना के बीजेपी विधायक पर क’थित रूप से सां’प्रदा’यिक तथ्यों को लेकर बै’न करने पर रो’क लगा दिया था।
गौरतलब है कि वॉ’ल स्ट्रीट जनरल की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि फे’सबुक की नीतियां भारत सरकार का समर्थन करती हैं, जिसके बाद भारत की विप’क्षी पार्टियों ने फे’सबुक और सरकार की सां’ठ’गां’ठ को लेकर हम’ला बोला था। बता दें कि भारत फे’सबुक के सबसे बड़े बाजारों में से एक है, उसके भारत में 30 करोड़ यूजर्स हैं।
रिपोर्ट में आ’रोप लगाया गया था कि फे’सबुक ने भाजपा विधा’यक राजा सिंह की हे’ट स्पी’च वाले पो’स्ट की अन’देखी की थी। तब से, सत्ता’रूढ़ भाजपा और कांग्रेस सोश’ल मीडिया दिग्ग’ज के क’थित पूर्वाग्रह को लेकर बया’नबा’जी कर रहे थे।
वॉ’ल स्ट्रीट जनरल’ की रिपो’र्ट के मद्दे’नजर, एक संसदीय पैनल ने बुधवार को सोश’ल मीडि’या प्लेटफॉर्म के क’थित दु’रुप’योग के मु’द्दे पर च’र्चा करने के लिए फे’सबुक के प्रति’निधियों को बुलाया था। वहीं, मंगलवार को आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी फे’सबुक प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के क’र्मचारियों को राजनीतिक चुनावों में लोगों की मदद करने का आ’रोप लगा’या था।