कोरोनावायरस लॉकडाउन के बीच प्रवासी मज़दूरों के साथ बातचीत करने के बाद आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ऊबर के एक ड्राइवर से बातचीत की. उन्होंने बताया कि यह “बातचीत अच्छी” रही.
राहुल ने ऊबर चालक से उनकी और उनके जैसे कई अन्य लोगों को हो रही समस्याओं पर बात की. केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी लॉकडाउन लागू होने के बाद से कोरो’ना महामा’री को संभालने के सरकार के तरीकें की आ’लोचना करते रहे हैं.
अमेरिका की कैब सेवा प्रदाता कंपनी ऊबर ने पिछले कुछ हफ्तों में हजारों लोगों की छंटनी की है. लॉकडाउन के बीच पिछले हफ्ते दिल्ली में कैब सेवाओं के परिचालन की अनुमति दी गई है.
पिछले हफ्ते राहुल गांधी ने प्रवासी मज़दूरों के साथ मुलाकात की डॉक्यूमेंटरी जारी की थी. वीडियो में घर लौट रहे प्रवासी मज़दूरों ने अपना दर्द बयां किया था.
ये प्रवासी मजदूर हरियाणा से उत्तर प्रदेश के झांसी पैदल जा रहे थे. इस वीडियो में एक प्रवासी महिला यह कहते हुए नजर आ रही है कि वे तीन दिन से भूखे हैं. भूख से म’र रहे हैं. उसके साथ बच्चे भी हैं. घर नहीं जाए तो क्या करें.
20 लाख करोड़ के पैकेज पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नाम लिए बगैर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ड्रामेबाज कहा था. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने मजदूरों के साथ बैठकर, उनसे बात करके उनका समय बर्बाद किया. उन्हें मजदूरों के साथ सामान उठाकर उनके साथ पैदल जाना चाहिए था.
A few days ago, I met a group of migrants walking hundreds of km from their work site in Haryana to their village near Jhansi, UP.
Tomorrow, 9 Am onwards, watch their incredible story of grit, determination & survival on my YouTube channel: https://t.co/4WBysS69uG pic.twitter.com/CbR6DR7fF2
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 22, 2020
राज्यों को जहां कांग्रेस की सरकार है उनसे क्यों नहीं कहते कि और ट्रेनें मंगाए और मजदूरों को घर लेकर आएं. सोनिया गांधी से कहती हूं कि पलायन कर रहे मजदूरों के मुद्दे को जिम्मेदारी से डील करना चाहिए.