दुबई से केरल पहुंची पहली फ्लाइट, इस ख़ास प्लान से वतन वापस लाये जा रहे भारतीय

को’रोना वा’यरस महामा’री के कारण लॉकडाउन के बीच विदेशों में फंसे भारतीय नागरिक अब स्वदेश पहुंचने लगे हैं। 7 मई यानी गुरुवार से लॉन्च हुए वंदे भारत मिशन के तहत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबूधाबी और दुबई से पहली फ्लाइट्स रात तकरीबन सवा 10 बजे केरल पहुंची। एयर इंडिया के इन विमान में 177-177 भारतीय नागरिक सवार थे।

यह ऑपरेशन कुछ खास है

अब तक भारत की ओर से 30 से ज्यादा बार एयरलिफ्ट ऑपरेशंस को अंजाम दिया गया है, जिनमें ज्यादातर मौके युद्द या किसी प्राकृतिक आपदा से जुड़े थे। मगर मौजूदा हालात के आगे हिंदुस्तान ही नहीं, समूची दुनिया ही बेबस है। लेकिन, यह बीते कुछ दशक में अपने नागरिकों को एयरलिफ्ट करने का अब तक का सबसे बड़ा अभियान है।

इसके तहत 12 देशों में फंसे करीब 15 हजार भारतीयों को एयर इंडिया की 64 स्पेशल फ्लाइट्स के जरिए लाया जाएगा। सरकार की ओर से पहले ही स्पष्ट कर दिया गया है कि विदेशों से जिन नागरिकों को निकाल कर भारत लाया जाएगा, उन्हें इस प्रक्रिया के तहत आने वाला खर्च खुद उठाना होगा।

समुद्र के रास्ते से भी होगी मदद

भारत ने सबसे पहले खाड़ी से निकासी पर ध्यान इसलिए केंद्रित किया, क्योंकि यूएई का रवैया अपने देश में फंसे विदेशी नागरिकों से कतई मित्रवत नहीं था। वह कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बाद अन्य देशों की सरकारों से अपने नागरिकों को ले जाने का दबाव बनाने लगी थी।

मालदीव से 1 हजार भारतीयों को समंदर के रास्ते लाए जाने की तैयारी की गई है। विदेशों से जिन लोगों को देश में वापस लाया जाएगा उन्हें क्वारंटीन सेंटर्स में रखा जाएगा। यहां रहने का खर्च भी इन नागरिकों को खुद ही उठाना होगा।

एयर इंडिया के लिए लाइफलाइन?

एयर इंडिया की हालत किसी से छिपी नहीं है। लगातार घाटा झेल रही इस सरकारी एयरलाइंस की हिस्सेदारी तक बेचने का फैसला लिया गया। एयरलाइंस सेक्टर में लगातार बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण एयर इंडिया की सेहत बिगड़ने लगी।

अब जब सरकार ने यह घोषणा कर दी है कि इस एयरलिफ्ट का खर्चा नागरिकों से ही वसूला जाएगा तो एयर इंडिया भी अपनी इन उड़ानों के लिए वाणिज्यिक किराया वसूल रही है। यूएस और यूके के टिकटों पर क्रमशः 1 लाख और 50,000 रुपये का खर्च आएगा। ढाका-दिल्ली उड़ान के लिए किराया सीमा 12,000 रुपये से शुरू होगा।

दुबई-कोच्चि इस मिशन के उच्चतम मांग मार्गों में से एक हैं, इसका प्रति व्यक्ति किराया 15,000 रुपये होगा। इसके अलावा, कोई भी उड़ान खाली नहीं आएगी-जाएगी क्योंकि कमर्शियल फ्लाइट्स बंद हो जाने के कारण कोई भी भारतीय, विदेशी या एनआरआई इस सेवा का लाभ उठा सकता है। 64 उड़ानों में यूएई से 10 उड़ानें, कतर- 2, सऊदी अरब- 5, यूके- 7, सिंगापुर- 5, यूनाइटेड स्टेट्स -7, फिलीपींस- 5, बांग्लादेश- 7, बहरीन – 2, मलेशिया-7, कुवैत- 5, और ओमान से 2 उड़ाने संचालित होंगी।

किस फ्लाइट का कितना किराया?

लंदन का प्रति यात्री किराया लगभग 50 हजार रुपये होगा

सिंगापुर से आ रहे लोगों को 18 से 20 हजार रुपये चुकाने पड़ेंगे

सर्वाधिक 1 लाख रुपये तक किराया अमेरिका से आने वालों को लगेगा

ढाका से जो आएंगे उन्हें सबसे कम 12 हजार रुपये चुकाने होंगे

दुबई से दिल्ली का किराया 13 हजार रुपये तय किया गया है

अबु धाबी से हैदाराबाद तक के लिए लगभग 15 हजार रुपये देने होंगे

मनीला से दिल्ली आने के लिए 30 हजार रुपये देने होंगे

जेद्दा से दिल्ली का किराया लगभग 25 हजार रुपये है

कुवैत से अहमदाबाद का सफर लगभग 14 हजार रुपये में होगा

कुवैत से हैदराबाद जाने वाले यात्रियों को लगभग 20 हजार खर्च करने होंगे

सिंगापुर से दिल्ली का किराया 20 हजार रुपये है

कितने भारतीयों की कब-कब होगी वापसी

7 मईः नौ देशों से 2300 लोग कोच्चि, कोझिकोड, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, अहमदाबाद और श्रीनगर आएंगे

8 मई: आठ देशों से करीब 2050 भारतीय चेन्नई, कोच्चि, मुंबई, अहमदाबाद, बंगलुरू और दिल्ली आएंगे

9 मई: नौ देशों से 2050 भारतीय मुंबई, कोच्चि, त्रिची, हैदराबाद, लखनऊ और दिल्ली पहुंचेंगे

10 मई: आठ देशों से 1850 लोग त्रिवेंद्रम, कोच्चि, चेन्नई, त्रिची, मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद पहुंचेंगे

11 मई: नौ देशों से 2200 लोग कोच्चि, कोझिकोड, चेन्नई, दिल्ली, अहमदाबाद, श्रीनगर और बंगलुरू आएंगे

12 मई: 10 देशों से 2500 लोग हैदराबाद, दिल्ली, बंगलुरू, श्रीनगर, अहमदाबाद और कोच्चि पहुंचेंगे

13 मई: आठ देशों से 1850 लोग कोझिकोड, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद और अमृतसर पहुंचेंगे