क्या डॉक्टर क’फील खान थामने जा रहे है कांग्रेस का हाथ ? सूत्रों के हवाले से आई ये बड़ी खबर

यो’गी आदित्यनाथ के शासनकाल में मु’स्लिमों पर अ’त्याचा’र के लिए पो’स्टर ब्वॉय बनकर उभ’रे डॉक्टर क’फी’ल खा’न आने वाले दिनों में राज’नी’तिक क’रियर चुन सकते हैं. क’फी’ल को कुछ वि’पक्षी पार्टियों से सहा’नुभूति मिल रही है. उन्होंने हालांकि कांग्रेस के प्रति अपने झुकाव को दिखाया है. उन्होंने कहा, “मु’श्किल समय में, प्रियंका गांधी वाड्रा ने मेरा समर्थन किया. मथुरा जे’ल से मेरी रि’हाई के बाद उन्होंने फोन करके मुझसे बातचीत की.”

पूर्व कांग्रेस विधायक प्रदीप माथुर क’फी’ल खा’न की जे’ल से रिहाई के वक्त वहां मौजूद थे. उन्होंने कहा, “वरिष्ठ पार्टी नेताओं के दि’शानिर्देश पर, मैं काफि’ल की रि’हाई के लिए औपचारिकताओं को पूरा करने लगातार मथुरा और अलीगढ़ के जिला प्रशासन के संपर्क में था. मैं उन्हें राजस्थान बॉर्डर तक ले गया.”

कांग्रेस नेता ने कहा, “प्रियंका ने मानवता के लिए उनके समर्थन में और योगी सरकार द्वारा राज्य के नि’र्दोष लोगों के खिला’फ अ’त्या’चार का वि’रोध करने के लिए अपनी आवाज बुलंद की . यह क’फील पर नि’र्भर करता है कि वह कांग्रेस के साथ काम करना चाहते ‘हैं या नहीं.”

डॉक्टर ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह बिहार, असम, केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में बा’ढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने के लिए जांएगे.

अपना नाम उजागर न करने की शर्त पर एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा कि क’फील के पास महत्वपूर्ण 2022 उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का मुस्लि’म चेहरा बनने की का’बिलिय’त है, जिसके लिए पार्टी अपनी खो’ई जमीन वापस करने के लिए काम कर रही है.

उन्होंने कहा, “राज्य सरकार के खिला’फ उनकी ल’ड़ाई ने उत्तरप्रदेश और अन्य राज्यों में समु’दाय के लोगों के बीच बड़ी संख्या में समर्थन हासिल किया है.” इस बीच, परिवार के एक सूत्र ने कहा कि क’ फील ने बीते तीन वर्ष से काफी कुछ झे’ला है और शायद उसके पास राजनीति में शामिल होने के सिवाय और कोई उपाय नहीं बचा.

परिवार के सदस्य ने कहा, “कई पार्टियों की ओर से ऑफर है, लेकिन उन्हें निर्णय करना है कि वे किसमें शामिल होना चाहते हैं. यह शायद कांग्रेस हो सकता है.” डॉ. क’फी’ल खा’न को पहली अगस्त 2017 में बार बी.आ’र.डी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में ऑक्सी’जन हा’दसे के बाद गि’रफ्तार किया गया था, जिसमें तीन दिन के अंदर 70 बच्चे की मौ’त हो गई थी. विभागीय जांच में उन्हें क्ली’न चि’ट दे दी गई, लेकिन उन्हें फिर से ब’हाल नहीं किया गया है.