देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार इजाफा देखा जा रहा है. हर रोज कोरोना वायरस के नए मामले सामने आ रहे हैं. वहीं कोरोना वायरस के कारण अस्पतालों में वेंटिलेटर की काफी मांग है. इस बीच गुजरात के राजकोट की एक कंपनी के जरिए बनाए गए वेंटिलेटर नाकाम होने की बात सामने आई है.
राजकोट की कंपनी ज्योति सीएनसी ने विशेष रूप से कोविड-19 के मरीजों के लिए वेंटिलेटर तैयार किया था. इसका नाम धमण-1 दिया गया और इसकी कीमत एक लाख रुपये तय की गई. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वेंटिलेटर के बारे में जानकारी दी थी. जिसके बाद वेंटिलेटर ने काफी सुर्खियां बटोरी थी.
Only BJP can do a 'Fake Ventilator' Scam
Gujarat CM @vijayrupanibjp must resign for risking people's lives to help his industrialist friend
Why are Arnab, B&D, Tihadi silent?
If it was Baghel or Gehlot, vocal chords of Darnab would be shattered by nowhttps://t.co/5NojyJFxZX
— Srivatsa (@srivatsayb) May 20, 2020
हालांकि, अब अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के ही सीनियर डॉक्टर ने उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के साथ हुई बैठक में कहा है कि यह स्वदेशी वेंटिलेटर धमण-1 कोविड-19 के मरीजों पर कारगर साबित नहीं हो रहा है. इसके साथ ही 100 हाई-एंड आईसीयू वेंटिलेटर की तत्काल मांग भी की गई.
बता दें कि राजकोट की कंपनी ने धमण वेंटिलेटर को महज 10 दिन में बनाने का दावा किया था. खुद मुख्यमंत्री ने सिविल अस्पताल में जाकर इसकी जानकारी साझा की थी.
वहीं अब जब डॉक्टरों की 100 हाई-एंड आईसीयू वेंटिलेटर की तत्काल मांग से जुड़ा लेटर मीडिया के हाथ लगा तो आनन-फानन में सिविल अस्पताल के सीनियर डॉक्टर एम एम प्रभाकर ने कहा कि यह मशीन कोरोनाग्रस्त मरीजों के ट्रीटमेंट में प्राथमिक उपचार में मदद करती है यानी ये मशीन वेंटिलेटर नहीं बल्की सिर्फ सांस देने वाला उपकरण है.
चार एसेसरीज लगाना बाकी
डॉक्टर ने बताया कि अहमदाबाद में कोविड अस्पताल में आने वाले मरीजों की हालत ज्यादा गंभीर होने के कारण उन्हें हाई-एंड वेंटिलेटर पर रखना ही उनके लिए काफी अहम होता है. इसलिए हाई-एंड वेंटिलेटर की मांग की गई है. वहीं इस वेंटिलेटर को लेकर आरोग्य सचिव जयंती रवि का कहना है, ‘इस मशीन में चार एसेसरीज लगाना अभी बाकी हैं. शुरुआत में इस वेंटिलेटर में कुछ कमी महसूस होने पर उसके लिए एक ट्रेनिंग भी दी गई.
संपूर्ण वेंटिलेटर नहीं
Corona Crony Capitalism!
1. Ventilators manufactured by Gujarat-based company declared inadequate by state govt doctors
2. 900 such ventilators already installed by Guj govt
3. Promoters allegedly close to ruling establishment
How low will they stoop?https://t.co/uebFnbP2hY
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 22, 2020
वहीं धमण-1 को बनाने वाली ज्योति सीएनसी के मालिक पराक्रमसिंह जडेजा का कहना है कि यह संपूर्ण वेंटिलेटर नहीं है और इस बारे में राज्य सरकार को भी बता दिया गया था. वेंटिलेटर में कई मोड होते हैं और ये आपात स्थिति के लिए है. हम धमण-3 बना रहे हैं जो एक संपूर्ण वेंटिलेटर हैं.
डॉक्टर बोले- उच्च गुणवत्ता वाले वेंटीलेटर दे सरकार
‘धमण-1’ वेंटिलेटर के सौदे का इसी तरह डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने भी बचाव किया है। इससे पहले ‘धमण-1’ को बनाने वाली कंपनी के मालिकों एवं सरकारी दावों के उलट अहमदाबाद के सरकारी अस्पताल ने सरकार को पत्र लिखकर कहा कि ‘धमण-1’ अपेक्षा के अनुरूप कारगर नहीं हैं। इनसे मरीजों को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही है।
इसलिए, उच्च गुणवत्ता वाले वेंटीलेटर प्रदान किए जाएं। क्योंकि, एक अच्छा वेंटिलेटर अमूमन 5 से 6 लाख रुपए में आता है, लेकिन ये जो 1 लाख की कीमत का ‘धमण-1’ वेंटिलेटर दिया गया है, यह तो एम्बू बैग की तरह है।
कांग्रेस ने लगाए ये आरेाप, पुदुच्चेरी ने भी सौदा रद्द किया
कांग्रेस के गुजरात प्रदेशाध्यक्ष अमित चावडा ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का संबंध ज्योति सीएनसी कंपनी से जोड़ते हुए आरोप लगाया है कि वह अपने मित्र की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए उसके वेंटिलेटर की मार्केटिंग कर रहे हैं। जबकि सच यह है कि, डॉक्टर भी इन वेंटिलेटर को धता बता चुके हैं।
इन वेंटिलेटर मशीनों को लेकर हुए प्रचार के बाद कुछ राज्यों ने भी कोविड-19 से निपटने की तैयारी के मद्देनजर इसके ऑर्डर दिए, लेकिन 20 मई को पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने ट्विटर पर लिखा कि वे उनके प्रदेश के लिए दिए गए धमण-1 के ऑर्डर को रद्द कर रहे हैं।
साभार: आज तक, हिंदी वन इंडिया