देश के सबसे युवा आईपीएस सफीन हसन, बेटे को पढ़ाने माँ बेलती थी शादियों में रोटियां

22 साल के सफीन हसन (Safin Hasan) देश के सबसे युवा आईपीएस (IPS) अधिकारी बन गए हैं. वह गुजरात के कणोदरा गांव के रहने वाले हैं. सफीन को ट्रेनिंग के बाद जामनगर में पहली पोस्टिंग मिली है और वह यहां 23 दिसंबर 2019 को सहायक पुलिस अधीक्षक का पदभार संभाला.

देश के सबसे युवा आईपीएस बनने का उनका सफर आसान नहीं था उनका बचपन बेहद संघर्षपूर्ण रहा. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उनके माता-पिता नसीमबानू और मुस्तफा हसन डायमंड की एक यूनिट में काम करते थे. सफीन को अपनी पढ़ाई के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा.

परिवार की आय से मुश्किल से ही जरूरतें पूरी हो पाती थी. सफीन की मां ने बेटे की पढ़ाई के लिए रेस्त्रां और शादियों में रोटियां बनाने का काम किया. सफीन की किस्मत अच्छी थी और उन्हें बिजनेसमैन और सोसाइटी से सपोर्ट मिला जिसकी मदद से वह अपने सपने को पूरा कर सके.

संघ’र्ष में बीता बचपन, स्कूल ने फीस मा’फ की

हसन की मां नसीब बेन ने बेटे को 10वीं तक पढ़ाने के लिए 14 साल तक लोगों के घरों मे काम किया। पिता मुस्तफा भाई इलेक्ट्रीशियन का काम करते थे। हसन ने 10वीं तक गांव में ही पढ़ाई की। उनकी खराब आ’र्थिक स्थि’ति देख कर पालनपुर के स्कूल ने 11वीं और 12वीं की फीस माफ कर दी थी।

जब इंजीनियरिंग में दाखिला मिला, तो रिश्तेदारों ने फीस भरने में मदद की। यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली जाने के लिए ज्यादा पैसे चाहिए थे, तब गांव के हुसैनभाई और जरीना बेन ने मदद की।

बचपन में कलेक्टर को देखकर अफसर बनने का सपना देखा

जब हसन 10 साल के थे, तो अपनी मौसी के साथ मेले में कलेक्टर की लाल बत्ती वाली कार देखी। कलेक्टर का रूतबा देख कर मौसी से पूछा, तो उन्होंने कहा- यह जिले के राजा हैं।

तभी से हसन ने अफसर बनने का फैसला कर लिया था। हसन ने गुजरात पीएससी परीक्षा 34वीं रैंक के साथ पास की थी। उन्हें जिला रजिस्ट्रार की नौकरी भी मिली, लेकिन उन्होंने कोशिश जारी रखी और आईपीएस बनकर ही दम लिया।

सफीन ने यूपीएससी परीक्षा में 570 रैंक हासिल की थी. उन्होंने आईपीएस बनने के लिए क्वालीफाई कर लिया लेकिन वह आईएएस बनना चाहते थे. उन्होंने कहा कि मैं परीक्षा में दोबारा बैठा पर, परीक्षा को क्लियर नहीं कर सका. ऐसे में मैने तय किया कि मैं आईपीएस ऑफिसर के रूप में अपना करियर जारी रखूंगा और इस अवसर का उपयोग कर देश की सेवा करूंगा.

पहले ही प्रयास में यूपीएससी पास की

जून, 2016 में हसन ने तैयारी शुरू की। यूपीएससी और जीपीएससी की परीक्षा में बैठे। यूपीएससी की लिखित परीक्षा 570वीं रैंक के साथ पास की। गुजरात पीएससी में भी सफल हो गए।

आईपीएस की ट्रेनिंग के बाद जामनगर में पहली पोस्टिंग हुई। 23 दिसंबर 2019 को वह सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) का चार्ज लिया हसन कहते हैं- किसी प्रवाह में शामिल होने की बजाय, सफलता के लिए हमें खुद अपना विश्लेषण करना चाहिए।