हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ और यूपी के खबरिया चैनल ‘भारत समाचार’ के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी राय दी। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने पीएम को बड़ी गलत सलाह दी है।
The timing of the I-T/ ED raids on Dainik Bhaskar has come, whatever it’s merit or lack of it, at an awkward moment. I think PMO badly advised PM. Hence it should be Carte Blanche dissolved.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 23, 2021
स्वामी की यह टिप्पणी शुक्रवार (23 जुलाई, 2021) को एक ट्वीट के तौर पर आई। उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर लिखा, “दैनिक भास्कर पर आयकर (आईटी)/ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे अजीब वक्त में हुए। मुझे लगता है कि पीएमओ ने पीएम को बुरी तरह से सलाह दी है। इसलिए इसे कार्टे ब्लैंच भंग किया जाना चाहिए।”
वैसे, बीजेपी सांसद की राय पर @RajObsessed ने ट्वीट किया, “कभी-कभी मैं आश्चर्य में पड़ जाता हूं कि आप अंदर के आदमी हैं या बाहरी (बीजेपी में) हैं। कई बार आपके ट्वीट्स से लगता है कि आप विपक्ष में हैं। पीएमओ के आंतरिक मसलों को लेकर इस तरह के ट्वीट्स न किया करें।”
इसी बीच, @Zoro44652549 ने हैरत जताते हुए ट्वीट किया, “क्या? तो क्या आप कह रहे हैं कि उन्हें अपनी पार्टी को तर्क से आगे रखना चाहिए? अगर पीएमओ कहता है कि दो और दो मिलाकर पांच होते हैं, तो क्या उन्हें इससे भी सहमत होना चाहिए?” @rahuljaju27 ने कहा, “सर, मुझे लगता है कि आपको ठीक ऐसा ही रवैया तब अपनाना था, जब अर्णब गोस्वामी को जेल में डाला गया था। बाकी जो हो रहा है, देखिए।” @sandykulk नाम के यूजर ने स्वामी पर तंज कसते हुए लिखा, “आपको अब यशवंत सिन्हा के साथ चले जाना चाहिए। आप दोनों बढ़िया मनोरंजन करेंगे।”
दरअसल, आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोपों में दो प्रमुख मीडिया समूहों ‘दैनिक भास्कर’ और उत्तर प्रदेश के हिंदी समाचार चैनल ‘भारत समाचार’ के विभिन्न शहरों में स्थित परिसरों पर बृहस्पतिवार को छापे मारे। भास्कर ने अपनी साइट पर संदेश लिखा, ‘‘मैं स्वतंत्र हूं क्योंकि मैं भास्कर हूं। भास्कर में चलेगी पाठकों की मर्जी। सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार। हमारी पत्रकारिता से क्यों डर रही है सरकार।’’
इसी बीच, भारत समाचार ने सफाई में कहा, “कोरोना वायरस प्रबंधन पर सच दिखाने के लिए हमें यह सजा मिली है।” नाम न बताने की शर्त पर चैनल के एक रिपोर्टर ने बताया कि हमने कई मसलों की कवरेज की, इसलिए हमें धमकाया गया। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान गंगा में उतराती लाशों, ऑक्सीजन संकट के साथ हाथरस गैंगरेप कांड के मुद्दे पर हमारी रिपोर्टिंग से सरकार नाखुश है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उधर, विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वहीं, आयकर विभाग ने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि उसके अधिकारियों ने दैनिक भास्कर मीडिया समूह के कई कार्यालयों पर छापेमारी के दौरान खबरों में ‘‘बदलाव के सुझाव’’ दिए।
विभाग ने तीन ट्वीट कर कहा कि इसकी टीम ने छापेमारी के दौरान केवल वित्तीय दस्तावेजों पर गौर किया। आईटी विभाग के मुताबिक, ‘‘मीडिया के कुछ हिस्से में आरोप लगाए गए हैं कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने एक खास प्रकाशन के कार्यालयों पर छापेमारी के दौरान खबरों में बदलाव के सुझाव दिए और संपादकीय निर्णय लिए।’’
बता दें कि दोनों मीडिया संगठन देश में कोविड-19 प्रबंधन की आलोचना करते रहे थे और अप्रैल-मई में देश को बुरी तरह प्रभावित करने वाली वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के दौरान इस विषय पर कई खबरें प्रकाशित / प्रसारित की थीं।