अमरीकी बायोटेक फर्म का बड़ा दावा : मिल गया कोरोना वैक्सीन, ट्रायल 90 फीसदी सफल

ची’न से फै’ला को’रो’ना वा’यर’स (Co’ronavi’rus) भारत समेत दुनियाभर में क’हर बर’पा रहा है. दुनियाभर में अब तक एक करोड़ से ज्यादा लोग इस वाय’रस से सं’क्रमित हो चुके हैं. 5 लाख से ज्यादा की जा’न भी जा चुकी है. अभी तक कोरो’ना वाय’रस की न तो कोई वैक्सीन बन पाई है और न ही कोई दवा आई है. हालांकि, कई देशों के वैज्ञानिक इस काम में जुटे हुए हैं. इस बीच एक राहत वाली खबर मिल रही है. अमेरिका की बायोटेक फर्म इनोवियो (Inovio) ने कहा है कि कोरो’ना वाय’रस वैक्सीन की टेस्टिंग के दौरान उत्साह’जनक रिजल्ट मिले हैं. फर्म ने दावा किया कि INO-4800 नाम की वै’क्सीन 40 लोगों पर किए गए ट्रा’यल के दौरान 94 फीसदी सफल रही है.

Inovio के मुताबिक, ये वो लोग थे जिनका पहले चरण का क्लिनिल ट्रायल पूरा हो चुका था. मतलब इन्हें चार सप्ताह में दो इंजेक्शन दिए गए थे. इनोवियो के इस टीके को INO-4800 कहा जाता है, इसे एक व्यक्ति के डीएनए को इंजेक्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि SARS-CoV-2 वाय’रस के खिला’फ एक विशिष्ट प्रतिरक्षा प्रणाली प्रतिक्रिया (specific immune system response) निर्धारित की जा सके.

इनोवियो के सीईओ जोसेफ किम ने कहा कि इनोवियो की दवा एकमात्र डीएनए वैक्सीन है, जो कमरे के तापमान पर एक साल से अधिक समय तक स्थिर रहती है. इसे कई वर्षों तक ट्रांसपोर्टेश और स्टोरेज लिए रेफ्रिजिरेशन की जरूरत नहीं होती है.

वैक्सीन से बढ़ी इम्यूनिटी

टेस्टिंग में एक और बात सा’मने आई है. वैज्ञानिकों को पता चला है कि INO-4800 वैक्सीन ने सभी लोगों के शरीर में रोग प्रतिरो’धक क्षमता यानी उनकी इम्यूनिटी बढ़ी है. बायोटेक फर्म के अनुसार, इस दौरान वैक्सीन का कोई भी प्रतिकूल प्रभा’व देखने को नहीं मिला.’

इनोवियो ने एक बयान में कहा, ’10 जनवरी को चीन के रिसर्चर्स ने कोरो’ना वाय’रस का जेनेटिक कोड जारी किया. हमारी टीम ने उस सीक्वेंस को सॉफ्टवेयर के जरिए कोड किया और फॉर्मूला तैयार कर लिया. यह डीएनए वैक्सीन कोरो’ना वाय’रस के स्पाइक प्रोटीन को पहचानकर वैसे ही प्रोटीन का निर्माण कर वायरस को गुमराह करेगी. ऐसे में जैसे ही वा’यरस उस प्रोटीन के पास आएगा, तो वैक्सीन के प्रभाव से ख’त्म हो जाएगा.’

फर्म ने कहा कि वैक्सीन को सुई के साथ त्वचा के नीचे इंजेक्ट किया जाता है, फिर एक उपकरण के साथ सक्रिय किया जाता है जो टूथब्रश जैसा दिखता है. ये एक सेकंड के एक अंश के लिए एक विद्युत आवे’ग बचाता है, जिससे डीएनए को शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करने और अपने मिशन को पूरा करने की अनुमति मिलती है.