देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना (Corona) संक्रमण के मामलों के बीच अब कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है. हर किसी को उम्मीद है कि कोरोना वैक्सीन के आने के बाद सब कुछ पहले की तरह हो जाएगा. हालांकि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने वैक्सीन आने के बाद की स्थिति को लेकर बड़ा अपडेट दिया है.
आईसीएमआर ने कहा है कि वैक्सीन आने के बाद भी काफी लंबे समय तक स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां बनाए रखने की जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि टीका उपलब्ध होने के बाद भी कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा, जिसमें मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा.
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के प्रमुख प्रोफेसर बलराम भार्गव ने शनिवार को लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में बताया भारत में कोरोना वैक्सीन का काम तेजी से चल रहा है और बहुत जल्द वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी. प्रोफेसर भार्गव ने कहा, हमने अगले साल जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का लक्ष्य रखा है. इसके बाद आगे की तैयारी की जाएगी.
उन्होंने बताया कि भारत केवल अपने लिए ही नहीं बल्कि विकासशील देशों के 60 प्रतिशत लोगों के लिए भी वैक्सीन तैयार कर रहा है. भार्गव ने कहा कि देश की 24 कंपनियां और 19 फर्में कोरोना वैक्सीन विकसित करने में लगी हुई हैं.
प्रोफेसर भार्गव ने कहा कि मास्क एक वैक्सीन की तरह ही काम करता है, इसीलिए वैक्सीन विकसित होने के बाद भी मास्क की जरूरत बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि मास्क उन लोगों को भी सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो कोरोना से उबर चुके हैं.
प्रोफेसर भार्गव ने कहा कि मास्क कपड़े के टीके की तरह है. हम कोरोना को रोकने में मास्क की जरूरत की उपेक्षा नहीं कर सकते हैं. हम दिन रात एक कर कोरोना वैक्सीन बनाने का काम कर रहे हैं. भारत में पांच दवा कंपनियां कोरोना वैक्सीन बनाने का काम कर रही हैं, जिसमें से दो भारत द्वारा विकसित वैक्सीन बना रही हैं जबकि तीन विदेशी सहयोग से वैक्सीन तैयार कर रही हैं.
लेकिन टीके कोरोना को खत्म करने के लिए पर्याप्त नहीं होंगे. हमें स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. प्रोफेसर भार्गव ने कहा, वैक्सीन आने के बाद भी कोविड-19 के दिशा-निर्देश बने रहेंगे और मास्क की जरूरत बनी रहेगी.