विश्व बैंक की ओर से कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए भारत को एक अरब डॉलर यानी करीब 7,500 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया गया है। समाज के पिछड़े तबके एवं गरीबों को इस संकट के दौर में मदद के लिए विश्व बैंक की ओर से यह राशि जारी की गई है।
इससे पहले अप्रैल में भी वर्ल्ड बैंक ने भारत को करीब 1 अरब डॉलर की रकम का लोन जारी किया था। इस तरह से अब तक कोरोना संकट से निपटने के लिए वर्ल्ड बैंक की ओर से भारत को दो अरब डॉलर की राशि जारी की जा चुकी है। पहली किस्त भारत के हेल्थ सेक्टर को मजबूती देने के लिए विश्व बैंक की ओर से जारी की गई थी।
कोरोना वायरस के इस संकट के दौरान विश्व बैंक की ओर से कई देशों की सरकारों को फंड जारी किया गया है। सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के नियमों को लागू करने के मकसद से विश्व बैंक ने यह फंडिंग जारी की है।
दुनिया भर में लॉकडाउन के इस दौर में बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान हुआ है, जिसके चलते सरकारें संकट के दौर से गुजर रही है। ऐसे में विश्व बैंक ने तमाम सरकारों को आर्थिक पैकेज जारी किया है।
कोरोना वायरस के इस संकट ने पूरी दुनिया में लॉकडाउन के हालात पैदा कर दिए हैं और इससे खास तौर पर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को बड़े संकट का सामना करना पड़ रहा है। पहली किस्त जारी करते हुए विश्व बैंक ने कहा था कि भारत में 1 अरब डॉलर आपातकालीन वित्तपोषण बेहतर स्क्रीनिंग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और प्रयोगशाला डायग्नोस्टिक्स का समर्थन करेगा। इसके अलावा व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की खरीद करेगा। वहीं दक्षिण एशिया में विश्व बैंक ने पाकिस्तान के लिए 20 करोड़ डॉलर और अफगानिस्तान के लिए 10 करोड़ डॉलर को मंजूरी दी है।