गांधीनगर, जागरण संवाददाता। Gujarat BJP. राज्यसभा चुनाव से पहले गुजरात विधानसभा से इस्’तीफा देने वाले कांग्रेस के आठ में से पांच पूर्व विधायक शनिवार को भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी ने पांचों पूर्व विधायकों को केसरिया खेस पहनाकर उनका स्वागत किया। वाघाणी ने कहा कि कांग्रेस देशभर में टूट रही है, पार्टी के नेताओं में अंदरूनी खींचतान है।
कांग्रेस छोड़ने वाले लींबडी पूर्व विधायक सोमाभाई कोली पटेल, अबडासा पूर्व विधायक प्रध्युम्न सिंह जाडेजा, गढडा पूर्व विधायक प्रवीण मारु, धारी पूर्व विधायक जेवी काकडिया तथा डांग पूर्व विधायक मंगल गामित ने 15 मार्च 2020 में विधानसभा से इस्तीफा दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने अपने सभी विधायक जयपुर राजस्थान के एक रिसॉर्ट में भेज दिए थे।
कोरो’ना महा’मा’री के दौरान लॉकडाउन के चलते उन्हें गुजरात वापस आना पड़ा। इसी दौरान जून के प्रथम सप्ताह में कपराडा से विधायक जीतू चौधरी, मोरबी से विधायक ब्रजेश मेरजा तथा करजण से विधायक अक्षय पटेल ने इस्तीफा दे दिया, जिससे राज्यसभा चुनावमें भाजपाने अपनी तीसरी सीट भी आसानी से जीत ली।
शनिवार दोपहर प्रध्युम्न जाडेजा, ब्रजेश मेरजा, अक्षय पटेल, जेवी काकडिया तथा जीतू चौधरी ने गांधीनगर भाजपा के प्रदेश कार्यालय श्रीकमलम् पहुंचकर भाजपा का दामन थाम लिया। माना जा रहा है कि इन सभी को भाजपा विधानसभा उपचुनाव में मैदा’न में उतारेगी।
पूर्व विधायक मंगल गामित,प्रवीण मारु व सोमा भाई के भी भाजपा में शामिल होनेकी संभावना है लेकिन उन्होंने अभी तक इसके कोई संकेत नहीं दिए। भाजपा अध्यक्ष जीतूभाई वाघाणी ने इन विधायकों को पार्टी में स्वागत किया तथा कांग्रेस पर भी जमकर प्रहारकिए। वाघाणी ने कहा कांग्रेस नेताओंमें गु’ट’बा’जी के चलते विधायक पार्टी छो’ड रहे हैं। कांग्रेस में विधायकों की कोई सुनने वाला नहीं है, दिल्ली में बैठकर नेता प्रदेश के नेताओं को निर्देश देते हैं।
पूर्व विधायक प्रध्युम्न सिंह ने तो भाजपा में आते ही टिकट पर दावा भी जता दिया, उनका कहना है कि भाजपा ने उन्हें इस सीट से टिकट देनेका वादा किया था।इस पर कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावडा ने कहा कि भाजपा उनकी पार्टी के विधायकों को ला’लच व भ’य दिखाकर तो’ड रही है, जो आज साबित हो गया है।
राज्य की पांच विधानसभा लींबडी, अबडासा, गढडा, धारी व डांग सीट को खाली हुए सितंबर 2020 में छह माह पूरे हो जाएंगे इसलिए इन पर इससे पहले उपचुनाव कराना होगा। राज्य चुनाव आयोग ने भी उपचुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि भाजपा में शामिल पूर्व विधायकों में से कुछ को उपचुनाव में चुनाव ल’ड़ने का भाजपा मौका देगी।
हालांकि पिछले उपचुनाव में ठाकोर नेता अल्पेश ठाकोर व धवलसिंह झाला को मै’दान में उतारना भाजपा के लिए घा’टे का सौ’दा रहा था और वे दोनों चुनाव हार गए थे। इसी दौरान राज्य की 6 महानगर पालिकाओं में भी चुनाव होंगे, इसलिए भाजपा व कांग्रेस फूं’क-फूं’क कर कदम रख रही है।