कोरोना संकट: केजरीवाल के इन कदमों पर भ”ड़की कांग्रेस, किए ये बड़े सवाल

कांग्रेस ने रविवार को कहा कि दिल्ली में कोविड-19 संक्रमण दर का 25 प्रतिशत होना महामारी के सामुदायिक प्रसार की शुरुआत का संकेत है और अभी शहर को ‘अनलॉक’ करने का सही समय नहीं है।कांग्रेस ने रविवार को कहा कि दिल्ली में कोविड-19 संक्रमण दर का 25 प्रतिशत होना महामारी के सामुदायिक प्रसार की शुरुआत का संकेत है और अभी शहर को ‘अनलॉक’ करने का सही समय नहीं है।

दिल्ली सरकार ने 8 जून से शॉपिंग मॉल, रेस्तराओं तथा राजधानी की उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लगती सीमाओं को खोलने का फैसला किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि यह शर्मनाक है कि दिल्ली में कोविड-19 संक्रमण दर देश में सर्वाधिक और लोगों के ठीक होने की दर सबसे कम है। यह दिल्ली के अस्पतालों की हालत खराब होने की वजह से है।

माकन ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आठ जून से मॉल और रेस्तराओं को खोलना दिल्ली सरकार का जल्दबाजी वाला कदम है और स्वास्थ्य अवसंरचना में सुधार होने तक ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने केजरीवाल सरकार से पूछा कि दिल्ली में सरकारी अस्पताल कोविड-19 रोगियों को भर्ती करने से इनकार क्यों कर रहे हैं?

माकन ने आरोप लगाया कि दिल्ली में 72 प्रतिशत कोविड समर्पित बिस्तर खाली पड़े हैं। दिल्ली में 38 सरकारी अस्पतालों में से 33 अस्पताल कोरोना वायरस के रोगियों का उपचार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार केवल छवि चमकाने में लगी है तथा कोविड-19 से निपटने के लिए कोई योजना नहीं बनाई है और न ही कोई तैयारी की है।

बता दें कि दिल्ली में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 27 हजार के पार कर चुका है वहीं, अब तक 700 से ज्यादा लोगों की मौ”त हो चुकी है।

मृतकों की जांच पर आईसीएमआर मानदंडों का उल्लंघन

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार कोविड-19 पर आईसीएमआरऔर डब्ल्यूएचओ के मानदंडों का उल्लंघन कर रही है और कोरोना लक्षणों वाले मृ”तकों का टेस्ट नहीं किया जाता है, जो संपर्कों का पता लगाने और जांच के लिए जरूरी है। माकन ने कहा कि आंकड़ों को कम रखने के लिए, सरकार की इस चाल से दिल्ली में मामलों में वृद्धि हो रही है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने 7 जून को दावा किया कि कोविड समर्पित सरकारी अस्पतालों में 72 प्रतिशत बेड (4,400 में से 3,156) खाली हैं। माकन ने सवाल किया कि कुल निजी अस्पतालों में, 40 प्रतिशत बेड खाली हैं और सर गंगा राम अस्पताल में, जिसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, 12 प्रतिशत बेड खाली हैं।

दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में केवल 28 प्रतिशत बेड पर ही मरीज क्यों हैं? और सर गंगा राम अस्पताल में 88 प्रतिशत बेड पर मरीज होने पर भी एफआईआर दर्ज की गई है।

माकन ने कहा कि हम जोर देकर कहना चाहते हैं कि किसी भी निजी अस्पताल को किसी भी मरीज को प्रवेश देने से मना नहीं करना चाहिए। सरकार के पास ऐसे गलत अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सभी अधिकार और शक्ति हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल सरकार की खुद की लापरवाही और अक्षमता से ध्यान हटाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।