मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का सीएम पद बरकरार, एमएलसी पद की ली शपथ

महाराष्ट्र में मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे के CM पद पर मंडराया संवैधानिक संकट आखिरकार टल गया है और उनका CM पद का रास्‍ता साफ है यानी ये पद बरकरार रहेंगा, क्‍योंकि आज 18 मई को उद्धव ठाकरे ने विधान परिषद (MLC) के सदस्य के तौर पर शपथ ग्रहण कर ली है।

ठाकरे समेत 8 लोगों ने ली सदस्यता की शपथ :

दक्षिण मुंबई स्थित विधान भवन में महाराष्ट्र विधान परिषद के अध्यक्ष रामराजे निंबालकर ने मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे के अलावा 14 मई को निर्विरोध चुने गए अन्य 8 लोगों को भी सदस्यता की शपथ दिलाई, जिनके नाम इस प्रकार है- ‘विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे (शिवसेना), भाजपा के रणजीत सिंह मोहिते पाटिल, गोपीचंद पाडलकर, प्रवीण दटके और रमेश कराड, राकांपा के शशिकांत शिंदे और अमोल मितकरी तथा कांग्रेस के राजेश राठौड़’ आज इन सभी ने सदस्यता की शपथ ली है।

बता दें कि, ये सभी उम्मीदवार विधान परिषद की उन 9 सीटों के लिए मैदान में थे, जो 24 अप्रैल को खाली हुई थीं एवं 59 वर्षीय शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का ये पहला मौका है जब वे इस चुनाव के साथ पहली बार विधायक बने हैं।

क्‍यों खतरे में था उद्धव ठाकरे का CM पद :

दरअसल, शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्‍यमंत्री की कमान संभाल तो ली, लेकिन वे विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं थे और संविधान की धारा 164 (4) के अनुसार, राज्य के मुख्यमंत्री का 6 माह के अंदर किसी सदन का सदस्य होना अनिवार्य है। उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली थी, इसलिए उन्‍हें मुख्‍यमंत्री की कुर्सी को बचाए रखने के लिए 27-28 मई से पहले विधानमंडल का सदस्य बनना जरूरी था।

ये नौ सीटें 24 अप्रैल को खाली हुई थीं। शिवसेना अध्यक्ष इस चुनाव के साथ पहली बार विधायक बने हैं। उन्होंने पिछले साल 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और उनके लिए 27 मई से पहले विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य बनना जरूरी था। ठाकरे के बेटे आदित्य भी विधानसभा के सदस्य हैं और तीन पार्टी की गठबंधन सरकार में मंत्री भी हैं।