महाराष्ट्र: सीएम उद्धव और शरद पवार की अफवाहों के बीच शिवसेना सांसद ने दिया जवाब

महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार सोमवार देर शाम महा विकास अघाड़ी गठबंधन के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने उनके घर मातोश्री पहुंचे।

पिछले काफी समय से ऐसी खबरें आ रही थीं कि दोनों नेताओं के बीच कोरोना से पनपे हालात और लॉकडाउन से निकलने की स्थिति पर विवाद था। इस मुलाकात के बीच अंदाजा लगाया जा रहा था कि दोनों नेता अपने बीच उभरे तनाव को कम करने के लिए ही मिल रहे हैं।

हालांकि, शिवसेना के नेता संजय राउत ने मुलाकात की पुष्टि करते हुए कहा सभी कयासों को विराम देने की कोशिश की। उन्होंने ट्ववीट में लिखा, “सरकार की स्थिरता को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।”

राउत ने ट्वीट में कहा, “शरद पवार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कल शाम मातोश्री में मिले थे। दोनों के बीच करीब डेढ़ घंटे तक बैठक चली। अगर कोई भी सरकार की स्थिरता को लेकर खबरें फैला रहा है, तो यह उनके पेट का दर्द है। सरकार मजबूत है। कोई चिंता की बात नहीं। जय महाराष्ट्र!!”

माना जा रहा है कि राकांपा नेता शरद पवार सीएम ठाकरे से कोरोना की बिगड़ती स्थिति और लॉकडाउन न खोल पाने को लेकर नाराज हैं। पवार सोमवार को सीधे सीएम से मिलने के बजाय पहले गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मिले थे, इसमें उनके साथ राकांपा के ही प्रफुल्ल पटेल भी शामिल थे।

हालांकि, उन्होंने इसे सिर्फ शिष्टाचार भेंट बताकर टालने की कोशिश की। पटेल ने कहा कि हम सिर्फ राज्यपाल जी के यहां चाय पीने गए थे। गवर्नर साहब ने खुद पवार साहब को चाय पर बुलाया था। हम वहां सिर्फ शिष्टाचार भेंट के लिए गए थे और इस मुलाकात में कोई राजनीति नहीं है।

शरद पवार की राज्यपाल कोश्यारी से इस बैठक पर कई राजनीतिक विशेषज्ञों की नजरें तन गईं। दरअसल, शरद पवार राज्य सरकार के कामकाज में राज्यपाल कोश्यारी के हस्तक्षेप के धुर-विरोधी रहे हैं।

लेकिन बीते कुछ समय में उन्होंने राज्यपाल की तरफ से सरकार के कामों पर जताए गए विरोध पर चुप्पी साधी है। हाल ही में राज्यपाल कोश्यारी ने महाराष्ट्र सरकार के मंत्री उदय सामंत के एक पत्र पर नाराजगी जताई थी।

सामंत ने इसमें यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन से परीक्षाएं रद्द करने की मांग की थी। इस पर राज्यपाल ने सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा था कि फाइनल एग्जाम न कराना यूजीसी की गाइडलाइंस का उल्लंघन है। उन्होंने इस दखलअंदाजी के लिए सामंत पर कार्रवाई की मांग रख दी थी।