शादी की तैयारियां कई माह पहले से शुरू हो जाती हैं। पंडित, हलवाई, टेंट वाला से लेकर गहने व कपड़ों पर खूब रुपए खर्च किए जाते हैं। सारे रिश्तेदारों, दोस्तों व परिजनों को न्योता भेजा जाता है। दूल्हा और दुल्हन भी अपनी शादी को लेकर ढेरों ख्वाब सजाते हैं। शादी की डेट नजदीक आते-आते तो एक-एक दिन मानों गिन-गिन के गुजारते हैं, मगर राजस्थान में अनूठा मामला सामने आया है।

इस ‘एक विवाह ऐसा में’ खुद दूल्हा और दुल्हन तक को यह पता नहीं था कि आज उनकी शादी होने वाली है। एनवक्त तक परिजन व रिश्तेदार भी इस बात से अनजान थे। अचानक मंडप सजा। टेंट लगा। पंडित जी को बुलाया गया और महज 10 हजार रुपए खर्च में सगी बहनों की शादी सम्पन्न हो गई। दूल्हे भी दोनों सगे भाई हैं।
दरअसल, हुआ यूं कि राजस्थान की राजधानी जयपुर के सांगानेर क्षेत्र के गोविंद नगर निवासी ज्वैलर सुशील सोनी अपने दो बेटे प्रदीप व दिलीप के लिए लड़की देखने 29 जनवरी 2023 को झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ उपखंड के गांव कुलोठ आए थे। यहां पर बिन बाप की दो सगी बहन आरती व दीपिका से सगाई होनी थी।

सगाई की रस्मों के दौरान ज्वैलर सुशील सोनी व उनके साथ आए रिश्तेदारों ने लड़कियों के सिर पिता का साया उठ जाने और परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते बिना किसी लेन-देन के चट मंगनी पट ब्याह का फैसला लिया। लड़कियों की मां व अन्य परिजनों से बात की तो वे भी सहमत हो गए।

बिना बैंड बाजा घोड़ी निकाली बारात
इसके बाद तुरंत कस्बे के नजदीक बाजार में जाकर शादी का जरूरी सामान लाया गया। दूल्हों के सेहरे व दुल्हनों का लाल जोड़ा भी लाए। मंडप सजाया और बिना बैंड बाजा और घोड़ी के प्रदीप व दिलीप की बारात निकाली गई। फिर सात फेरों की रस्म निभाई गई। घर में ही छोटा सा स्टेज बनाकर दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद दिया गया। पूरे आयोजन में महज 10 हजार रुपए खर्च हुए।

निजी स्कूल में पढ़ाती दुल्हन आरती
दूल्हों के चाचा विजय सोनी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि दुल्हन आरती बड़ी है। वह गांव के निजी स्कूल में बच्चों को पढ़ाकर परिवार चला रही थी। बिना दहेज की शादी के लिए उसकी मां व अन्य रिश्तेदारों से समझाइश कर दोपहर को सगाई के तुरंत बाद सादे समारोह में शादी कर ली।