भा’र’त-ची’न के बीच त’नात’नी जारी है. इस बीच ची’न ने अरुणाचल प्रदेश पर दा’वा किया है. ची’न के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिन ने आज कहा, ”चीन’ ने कभी अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है जो ची’न का ‘द’क्षिणी तिब्’बत’ इ’लाका है.” हाल ही में 29-30 अगस्त को पै’गोंग ले’क की दक्षिण सी’मा पर दोनों देशों के सै’निकों के बीच झ’ड़’प हुई थी.
लिजिन ने कहा, ‘ची’न ने कभी अरुणा’चल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है जो ची’न का दक्षिणी तिब्बत इ’लाका है।’ भा’रतीय से’ना के पी’ए’लए को भार’तीयों को छोड़ने के लिए सं’देश भेजने के सवाल पर ची’नी प्रवक्ता ने कहा कि हमारे पास अभी इस बात की कोई जानकारी नहीं है। बता दें कि अरुणा’चल प्रदेश के 5 युवकों की अप’हर’ण की जां’च के लिए एक पु’लिस टी’म को मैकमोहन लाइन से स’टे सी’माव’र्ती क्षेत्र में भेजा गया है। यह लाइ’न अप’र सुबन’सिरी जि’ले को तिब्ब’त से अलग करती है।
लिजिन ने ला’पता पांच भार’तीयों को लेकर कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. बता दें कि भार’तीय थल से’ना ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले से पांच लोगों का ‘पीपु’ल्स लि’बरेश’न आ’र्मी’ (पी’एल’ए) के सै’निकों द्वारा क’थित तौर पर अप’हर’ण कर लिये जाने का मु’द्दा ची’नी से’ना के स’म’क्ष उठाया है.
सूत्रों ने बताया कि इलाके में तै’नात थ’ल से’ना की इकाई ने पी’एल’ए की संबद्ध इकाई को क’थित अप’हर’ण के बारे में अपनी चिं’ताओं से अव’गत कराने के लिये हॉ’टलाइ’न पर संदेश भेजे हैं.
अरुणा’चल प्र’देश के पांच लोगों के अप’ह’रण की खबर ऐसे वक्त आई, जब भा’रतीय थ’ल से’ना ने पू’र्वी लद्दा’ख में दोनों देशों के बी’च सी’मा विवा’द के मद्देनजर 3,400 किमी लंबी वास्त’विक नियंत्रण रे’खा (ए’लए’सी) पर अपनी तै’नाती बढ़ा दी है. अरुणाचल प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा था कि स्थानीय पुलि’स ने मा’मले की जां’च शुरू कर दी है.