रक्षा मंत्री राजनाथ की वार्ता का ची’न पर नहीं दिखा कोई असर, बैठक के बाद दिया ये बड़ा बयान

रूस में भारत और ची’न के र’क्षा मंत्रियों के बीच लद्दा’ख में त’नाव को कम करने को लेकर बातचीत हुई, लेकिन लगता है कि ची’न त’नाव कम करने की बजाय यु’द्ध पर पूरी तरह से उ’तारू है। ची’न की तरफ से ब’यान आया है कि भारत ल’द्दाख में सी’मा गतिरो’ध के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है और ची’न अपने क्षेत्र की एक इं’च जमीन भी नहीं छोड़ेगा।

ची’न सरकार की तरफ से जारी किए गए इस बयान में दोनों देशों के बीच त’नाव को बढ़ाने के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया। र’क्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके समकक्ष वेई फेंग्गी के बीच मॉस्को में एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद यह बयान आया है। 20 जून को दोनों देशों के जवा’नों के बीच हुई हि’सं’क झ’ड़’प के बाद सी’मा रेखा को लेकर ची’न और भारत के र’क्षा मंत्री के बीच यह पहली बैठक थी।

बयान में कहा गया है कि ची’न-भारत सी’मा पर मौजूदा त’नाव का कारण और स’च्चाई स्पष्ट हैं और इसके लिए भारत पूरी तरह से जिम्मेदारी है। ची’न अपने क्षेत्र की एक इंच जमीन भी नहीं खो सकता है। सश’स्त्र से’ना रा’ष्ट्रीय संप्रभु’ता की र’क्षा करने में पूरी तरह से दृ’ढ़, सक्षम और आश्वस्त हैं। ची’न ने भारत को राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महत्वपूर्ण सहमति को ईमानदारी से लागू करने और बातचीत व परामर्श के माध्यम से इस मु’द्दे को हल करने पर जोर देने का आह्वान किया।

बयान में कहा गया है, “दोनों पक्षों को ची’न-भारत संबंधों को गहरा करने, क्षेत्रीय शांति, स्थिरता की समग्र स्थिति में सुधार लाने और सी’मावर्ती क्षेत्रों में शांति की र’क्षा करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।” ची’नी र’क्षा मंत्री के साथ सुर’क्षा और र’क्षा मुद्दों पर बैठक से पहले एक संकेतित संदेश में राजनाथ सिंह ने कहा कि शांति और सुर’क्षा, गै’र-आ’क्राम’क’ता और अंतरराष्ट्रीय नि’यमों के प्रति सम्मान होना चाहिए।

इस सप्ताह भारतीय से’ना ने लद्दा’ख के पैंगों’ग त्सो झील क्षेत्र में “उ’कसा’ने वाले सै’न्य आंदो’लनों” को अंजा’म देने वाले ची’नी सैनिकों को रो’क दिया है। से’ना ने इन आंदो’लनों को जून के बाद से सबसे गं’भीर बताया। ची’न ने यह प्रयास तब भी किया जब दोनों राष्ट्र कू’टनीति’क और सै’न्य वार्ता में लगे हुए हैं।

1962 के यु’द्ध के बाद से सी’मा पर त’नाव अब तक के उच्चत’म स्तर पर है। ची’न ने पूर्वी ल’द्दाख के दक्षिण पैंगों’ग क्षेत्र में टैं’कों और पैदल से’ना के एक प्रमुख निर्माण का आ’देश दिया है। भारत ने भी इस क्षेत्र में अपने टैं’क निर्मा’णों को सु’दृढ़ किया है और विवा’दित ला’इन ऑ’फ ए’क्चुअ’ल कं’ट्रो’ल (L’A’C) के साथ-साथ अति’रिक्त ब’लों को तै’नात किया है।