बीजेपी अपना झंडा लगाना चाहे तो लगाये, लेकिन बसें चलने दे: प्रियंका गांधी

प्रवासियों के लिए उपलब्ध कराई गईं बसों को लेकर यूपी सरकार और कांग्रेस के बीच शुरू हुआ सियासी घमासान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे पर एक बड़ा बयान दिया है।

प्रियंका ने कहा कि यूपी सरकार पैदल चल रहे प्रवासी मजदूरों के लिए बसों का इस्तेमाल करना चाहती है तो कर सकती है। बसों में अपनी पार्टी के झंडे और स्टीकर लगाना चाहती है तो लगाए लेकिन बसों को चलने की अनुमति दे। बसें अभी भी सीमा पर खड़ी हुई हैं। इससे 82 हज़ार लोग घर आसानी से पहुंच सकते हैं।

प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर लाइव आते हुए कहा “हम सबको अब अपनी जिम्मेदारी समझनी पड़ेगी। ये भारत के वो लोग हैं जो भारत की रीढ़ हैं जिनके खून और पसीने से ये देश चलता है। अपने राजनीतिक स्वार्थ से परहेज कर हर किसी को सकारात्मक भाव से सेवाभाव से लोगों की मदद में शामिल होना चाहिए।”

कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा “आज 4 बजे बॉर्डर पर खड़े इन बसों को 24 घंटे हो जाएंगे। अगर आपको इस्तेमाल करनी है तो इस्तेमाल करिए हमें अनुमति दीजिए। अगर आपको भाजपा के झंडे और स्टीकर लगाने हैं बेशक लगाइए। अगर आपको कहना है कि आपने उपलब्ध करवाई है तो वो भी कहिए लेकिन इन बसों को चलने दीजिए।”

प्रियंका ने कहा, ’17 तारीख को गाजियाबाद बॉर्डर पर हमने 500 बसे खड़ी की थीं, ये बसें चली होतीं तो कम से कम 20 हजार लोग सही सलामत पहुंच जाते। 19 तारीख को हमने 900 बसें (500 यूपी-राजस्थान बॉर्डर और कुछ गाजियाबाद बॉर्डर पर) उपलब्ध कराईं, ऐसे में कल और आज को मिलाकर 36 हजार लोग घर पहुंच जाते।

बता दें कोरोना संकट के बीच अपने घरों की ओर पैदल जा रहे प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस की तरफ से उत्तर प्रदेश सरकार को 1 हजार बसों का प्रस्ताव दिया गया था। प्रियंका गांधी के सचिव संदीप सिंह ने योगी सरकार को पत्र भेजकर सभी बसों को अनुमति देने का आग्रह किया था।

लेकिन यूपी सरकार ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि दी गई बसों की लिस्ट में गड़बड़ है। सरकार के मुताबिक उनमें से कई पंजीकरण नंबर दोपहिया, तीन पहिया और कारों के हैं। लेकिन कांग्रेस ने इसका खंडन किया है। कांग्रेस के मुताबिक बसें राजस्थान -उप्र सीमा पर खड़ी हैं और उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में प्रवेश की अनुमति का इंतजार कर रही हैं।