दुबई में भारतीय अरबपति की कंपनियां ब्लैकलिस्ट, खाते फ्रीज करने के निर्देश

संयुक्त अरब अमीरात में कई मुकदमों का सामना कर रहे वहां की सबसे बड़ी हेल्थकेयर कंपनी के मालिक बी .आर. शेट्टी का सितारा डूब रहा है।

UAE के सेंट्रल बैंक ने देश में वित्तीय संस्थानों को भारतीय अरबपति बीआर शेट्टी और उनके परिवार के सभी बैंक खातों की खोज करने और उन्हें फ्रीज करने के निर्देश दिए  गए हैं और अपने पूरे वरिष्ठ प्रबंधन के साथ उनसे जुड़ी कई फर्मों को ब्लैकलिस्ट भी कर दिया है।

भारतीय मूल के अरबपति शेट्टी की कंपनियां पांच अरब डॉलर के कर्ज में डूबी हैं, बल्कि इनके खिलाफ फर्जीवाड़े की जांच भी की जा रही है और उनकी कंपनियों के शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार करने पर रोक दिया गया है।

मामले से जुड़े एक सूत्र ने वेबसाइट अरेबियन बिजनस को यह जानकारी दी है कि एनएमएसी हेल्थ तथा यूएई एक्सचेंज कंपनियों के खिलाफ मामलों का सामना कर रहे भारतीय मूल के अरबपति बी .आर. शेट्टी भारत में हैं।

सूत्रों ने बताया, ‘लंबे वक्त से वह यूएई में नहीं हैं। मेरे हिसाब से वह लगभग एक महीने से देश में नहीं हैं।’ उन्होंने कहा कि शेट्टी तथा उनकी कंपनी एनएमसी के खिलाफ कम से कम पांच मामले चल रहे हैं।

मात्र 8 डॉलर लेकर पहुंचे थे यूएई

यूएई में हेल्थकेयर इंडस्ट्री में काफी संपत्ति बनाने वाले 77 साल के शेट्टी पहले भारतीय हैं। उन्होंने 1970 में एनएमसी हेल्थ की शुरुआत की थी, जो आगे चलकर साल 2012 में लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने से पहले देश की अपने तरह की पहली कंपनी बनी। 70 के दशक में शेट्टी महज आठ डॉलर लेकर यूएई पहुंचे थे और मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की थी।

फाइनैंस के क्षेत्र में भी रखा कदम

उन्होंने 1980 में अमीरात के सबसे पुराने रेमिटेंस बिजनस यूएई एक्सचेंज की शुरुआती की। यूएई एक्सचेंज, यूके की एक्सचेंज कंपनी ट्रैवलेक्स तथा कई छोटे-छोटे पेमेंट सॉल्यूशंस प्रोवाइडर्स तथा शेट्टी की फिनब्लर के साथ मिलकर 2018 में सार्वजनिक हुई। शेट्टी ने हेल्थकेयर और फाइनैंशल सर्विसेज के अलावा हॉस्पिटेलिटी, फूड ऐंड बीवरेज, फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरिंग तथा रियल एस्टेट में भी हाथ आजमाया।