बीजे’पी सांसद सुब्रमण्यम स्वा’मी ने पीएम नरेंद्र मो’दी पर ती’खा हम’ला बोलते हुए कहा है कि वो रूसी स्टा’इल में काम करके म’झोले और छोटे आका’र की कंपनियों को खत्म कर रहे हैं। रिजर्व बैंक के लोग भी इसमें शामिल हैं। अडानी इस रैकेट के सर’गना हैं। उनका कहना है कि ये बहुत खत’रना’क बात है।
उनका कहना है कि सरकार छोटे और मझोले स्तर की कंपनियों को NCLT के जरिए ब’र्बाद करने पर तु’ली है। ऐसे कारो’बारियों को म’जबूर किया जा रहा कि वो अपनी कंपनियां बेच दें।
In India’s business world today, Modi is creating Russian style Oligarchs who are driving away small and medium companies by ruining them through NCLT and forcing to sellout. RBI chors are also complicit in this . Adani leads in this racket. This is a very dangerous development.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 5, 2022
रिजर्व बैंक के लोग भी इसमें बराबर के शरी’क हैं। अडानी वो कारोबारी है जिसे इन कंपनियों के बिकने से फायदा पहुंचना है। स्वामी ने कहा कि ये देश को ‘गर्त की तरफ ले जाएगा। इस तरह का चल’न बेहद ख’तरना’क घ’टनाक्र’म है।
अक्सर अपनी बातों से पीएम मोदी को असहज करने वाले स्वामी के ते’वर ती’खे दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि कभी अटल बिहारी बाजपेयी सरकार को एक वोट से गिराने वाले सुब्रमण्यम स्वामी जल्दी राज्यसभा से विदा हो जाएंगे।
ऐसा कहा जा रहा है कि इसके साथ ही उनकी राहें बी’जेपी से अलग हो जाएंगी। मौजूदा नेतृत्व आगे उनकी सेवाएं लेने के मूड़ में नहीं है। या कहें कि राज्यसभा में उनकी सेवा नहीं लेना चाहता।
केंद्र सरकार पर लंबे समय से हम’लाव’र स्वामी का राज्यसभा से कार्यकाल 24 अप्रैल को खत्म होने जा रहा है। बीते दिनों में उन्होंने जिस तरह से सरकार को निशा’ने पर लिया है, उसके बाद उन्हें दोबारा चुने जाने के चांस न के बराबर हैं। कयास हैं कि उन्हें अब राज्यसभा नहीं भेजा जाएगा। ऐसे में उनके खुद के लिए भी बी’जेपी में बने रहना बेहद मुश्किल होगा।
स्वामी जिस तरह के नेता रहे हैं उसमें बगा’वत ही उनका ह’थिया’र माना जाता है। गांधी परिवार को कोर्ट तक ले जाने वाले वही हैं। नेश’नल हेरा’ल्ड केस स्वा’मी की पहल पर ही खुला था। हालांकि हाल के दिनों में उनके तेवर कांग्रेस को खासे भा रहे थे। आखिर अपना ही सांसद पार्टी को सरे’आम नी’चा जो दिखा रहा था।