बिहार के 22 से अधिक जिले बाढ़ (Flood) की चपे’ट में हैं. साल 2021 के जून महीने के अंत में आए यास तूफान (Yass Cyclone) के चलते हुई भारी बारिश के कारण नदियों में आए उफ़ान की वजह इस बार समय से पहले ही बिहार में बढ़ ने तबाही मचा दी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) समेत विभागीय मंत्री और अधिकारी लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा ले रहे हैं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बाढ़ पी’ड़ितों के बीच संवेदनशीलता से राहत कार्य चलाने का निर्देश दिया है.
बाढ़ को बताया दैविक प्रकोप
हालांकि, बाढ़ की त्रासदी के बीच हाजीपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस (Pashupati Paras) का बाढ़ को लेकर अट’पटा बयान सामने आया है. सोमवार को आभार यात्रा की शुरुआत के लिए हाजीपुर पहुंचे के केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस से जब बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बाढ़ दैविक प्रकोप है. पूरा देश बाढ़ की चपे’ट में है.
उन्होंने कहा, ” बिहार में बाढ़ के समाधान के लिए नेपाल से बातचीत करनी होगी. जो भारत सरकार करेगी. ये एक लंबा प्रोसेस है. प्रत्येक साल बाढ़ आती है और उसी हिसाब से बाढ़ पी’ड़ितों मदद किया जाती है. प्रशासन की तरफ से जो संभव होगा, हम लोग करेंगे.” बाढ़ पी’ड़ितों से मिलने के संबंध में उन्होंने कहा, ” नहीं मैं नहीं जाऊंगा. मैं शारीरिक रूप से अस्वस्थ रहता हूं. प्रशासनिक अधिकारियों से मेरी बात होती रहती है. वहीं, पानी भी अब ख’त्म हो गया है.”
मालूम हो कि बिहार में बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से एक वैशाली जिला है, जहां गंगा नदी में आए उफ़ान की वजह से राघोपुर दियारा और महनार का इलाका जलमग्न हो गया है. यह इलाका हाजीपुर संसदीय क्षेत्र में आता है और यहां के सांसद पशुपति पारस हैं. हाजीपुर का एक बड़ा इलाका अब भी बाढ़ की चपेट में है. हजारों लोग सरकार के भरोसे राहत कैंपों में रहने को मजबूर हैं.