भूपेश बघेल ने किया ममता बनर्जी का समर्थन, पीएम मोदी पर लगाये ये आरोप

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरो’ना के खिला’फ लड़ाई में केंद्र सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। कोरोना संकट के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाने वालीं ममता बनर्जी का समर्थन करते हुए बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार के कदमों के बारे में राज्यों को सूचित करने से पहले इनकी सूचना लीक करना और मीडिया को बताना प्रदेश सरकारों के अधिकारों को कमजोर करने के समान है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पांचवीं बार राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की थी। इस दौरान ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया था उन्होंने कहा था कि इस मुश्किल घड़ी में किसी भी दल को रजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से संघीय ढांचा बरकरार रखने की अपील की थी।

उन्होंने हाल में प्रवासी मजदूरों को लेकर गृह मंत्री अमित शाह की चिट्ठी को लेकर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया था। उन्होंने कहा कि बंगाल को लिखी केंद्र की चिट्ठी पहले ही लीक हो जाती है।

उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक राज्य के तौर पर हम बेहतर काम कर रहे हैं और ऐसे वक्त में केंद्र को राजनीति नहीं करनी चाहिए। केंद्र को समझना चाहिए कि बंगाल कई अंतरराष्ट्रीय सीमाओं और अन्य राज्यों से घिरे हुए हैं और इसका सामना करना चुनौतीपूर्ण है।

इस मीटिंग में ममता ने केंद्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर समय बंगाल की आलोचना क्यों की जा रही है। उन्होंने आ’रोप लगाया कि हम लोगों से कोई सलाह मशविरा नहीं किया जाता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमें टीम इंडिया की तरह काम करना चाहिए। इसके आलावा उन्होंने पीएम मोदी से चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खोलने पर भी जोर दिया है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में रिकवरी रेट काफी अच्छा है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सोमवार को ट्वीट करके बताया था कि राज्य में 10 केस एक्टिव में से चार संक्रमित मरीज स्वस्थ्य हो चुके हैं, जिन्हें एम्स से डिस्चार्ज किया जा चुका है।

अब राज्य में सिर्फ 6 केस ही एक्टिव बचे हैं। छत्तीसगढ़ में कुल 59 संक्र’मितों में 53 ठीक हो चुके हैं। वहीं राज्य में कोरो’ना से कोई मौ’त भी दर्ज नहीं की गई है। उधर, एम्स रायपुर के विशेषज्ञों का मानना है कि जो सं’क्रमित केस सामने आए, उनमें वायरस लोड भी कम था। यही वजह है कि एक सप्ताह के अंदर ही कई लोग स्वस्थ्य हो गए।