हाथरस के’स के आरो’प में पुलिस और एसआईटी (SIT) को कुछ अहम जानकारी मिली है. यह जानकारी हाथरस केस में विदेशी फंडिंग से जुड़ी है. पुलिस और एसआईटी को फंडिंग मा’मले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और भीम आर्मी के लिंक मिले हैं. यह जानकारी के बाद पुलिस और एसआईटी ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है.
पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि सफदरजंग अस्पताल से लेकर पी’ड़िता के गांव तक भीम आर्मी (Bhim Army) के कार्यकर्ता मौजूद थे. ये कार्यकर्ता अपने को भीम आर्मी का न बताकर आम आदमी बता रहे थे. ऐसी सूचना है कि अब ईडी (ED) इस मा’मले में भीम आर्मी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से पूछताछ कर सकती है.
हाथरस के’स में पुलिस ने 4 लोगों को गि’रफ्तार किया है, जो पीएफआई के सदस्य बताए जा रहे हैं. गि’रफ्तार सदस्यों में एक शख्स बहराइच के जरवल का रहने वाला है. इसके बाद से यूपी पुलिस सक्रिय हो गई है.

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बहराइच पुलिस का कहना है कि ये इलाका इंडो-नेपाल सीमा से सटा हुआ है और पिछले कुछ समय में पीएफआई से जुड़े कुछ अन्य लोगों की गि’रफ्तारी हो चुकी है. ऐसे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यूपी और देश के भीतर जातीय और सां’प्रदायिक दं’गे फै’लाने के लिए भारत नेपाल सीमा पर पीएफआई की गतिविधियां क्या चल रही हैं?
जांच एजेंसियों के मुताबिक, वेबसाइट के जरिए विरो’ध प्रदर्श’न की जानकारी दी जा रही थी. इतना ही नहीं इस वेबसाइट के तार एमनेस्टी इंटरनेशनल से जुड़े होने के भी संकेत मिले हैं. वेबसाइट में फर्ज़ी आईडी से सैकड़ों लोगों को जोड़ा गया और मदद के बहाने फंडिंग भी जु’टाई गई. इतना ही नहीं कुछ नामचीन लोगों के सोशल मीडिया एकाउंट का भी इस्तेमाल किया गया. वेबसाइट बनाने में पीएफआई और एसडीपीआई की भूमिका भी सामने आ रही है.