पश्चिम बंगाल में पुराने नारदा रिश्वत के’स के मा’मले को लेकर फिर से बवाल शुरू हो गया है. सोमवार को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं को गि’रफ्तार किया है. अपने विधायकों पर एजेंसी के एक्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद गुस्से में सीबीआई के ऑफिस पहुंच गईं.
गि’रफ्तारियों को लेकर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिं’घवी ने स’वाल उठाए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आखिर अ’चानक गि’रफ्तारी करने की इतनी जल्दी क्यों दिखाई गई?
उन्होंने कहा कि ‘पश्चिम बंगाल में गि’रफ्तारियों के पीछे केंद्र सरकार और सीबीआई के गलत इरादे दिखते हैं. गि’रफ्तारी से पहले गि’रफ्तारी की जरूरत भी होनी चाहिए. गिरफ्तार करने की शक्ति होने का मतलब यह नहीं है कि आप गिरफ्तार करने के लिए बाध्य ही हैं.
2/3 grave doubt if #Governor, whose partisan conduct is clear, merely cos he swore in minsters in 2011, has exclusive power 2grant sanction! Why sanction after 5yrs of 2016 tapes &sudden arrests in 2021. Bad #WB election losers? #Vendetta?
Electoral verdict 2b reversed?— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) May 17, 2021
नारदा दशक पुराना माम’ला है, टेप भी 2016 के हैं. मा’मला सुप्रीम कोर्ट में भी आ चुका है, फिर अभी दो गि’रफ्तारियां करने के पीछे क्या जरूरत थी?’उन्होंने कहा कि ‘इसपर गं’भीर सं’देह है कि राज्यपाल, जिनका पक्षपातपूर्ण रवै’या साफ है, उनके पास जांच को मंजूरी देने की शक्ति है, वो भी बस इसलिए क्योंकि उन्होंने 2011 में मंत्रियों को शपथ दिलाई थी? और फिर 2016 में टेप आने के पांच साल बाद क्यों सैंक्शन करना और फिर अ’चानक से 2021 में गिरफ्तारी क्यों? चुनावों में हा’रने की वजह से? बदला लेने के लिए? चुनाव का नतीजा बदलने के लिए?’
सिंघवी ने आगे लिखा, ‘विधायकों के खि’लाफ के’स स्पीकर की अनुमति के बिना नहीं चलाया जा सकता. ऐसे में न्यायिकता की कमी, बदले के लिए हुई गि’रफ्तारी, गि’रफ्तारी की टाइमिंग, इस सबसे गि’रफ्तारी के पीछे घटि’या और ख’तरनाक ब’दले की भावना दिखती है.’
बता दें कि नारदा मा’मले में सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्रियों और एक विधायक के अलावा पूर्व मंत्री शोभन चटर्जी को सीबीआई के निजाम पैलेस स्थित कार्यालय ले जाया गया था.
केंद्रीय ब’लों के साथ सीबीआई की एक टीम सोमवार सुबह हाकिम के चेतला आवास पर पहुंची और उन्हें जांच एजेंसी के कार्यालय ले गई थी, जिसके बाद ममता बनर्जी खुद भी सीबीआई के ऑफिस पहुंचीं और गु’स्से में कहा कि उन्हें भी गि’रफ्तार किया जाए.