रमजान के पावन माह में शुक्रवार को सदर अस्पताल में भर्ती एक थैलीसीमिया पीड़ित बच्ची की जान बचाने के लिए एक युवक ने रोजा तोड़ कर रक्तदान किया। युवक के रक्तदान के करने के बाद बच्ची को ब्लड चढ़ाया गया। ब्लड चढ़ाए जाने के बाद बच्ची की तबीयत में सुधार हो रहा है। अब यह खतरे से बाहर है।
बताया जाता है कि उचकागांव प्रखंड के कैथवलिया गांव निवासी उज्जवल सिंह की तीन वर्षीय पुत्री निष्ठा कुमारी थैलीसीमिया रोग से पीड़ित है। इस बच्ची की तबीयत शुक्रवार की सुबह अचानक बिगड़ गई।
स्वजनों ने बच्ची को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भी कराया। बच्ची को देखने के बाद चिकित्सक ने इसे ब्लड चढ़ाने की सलाह दिया। ब्लड के लिए परिजन इधर उधर भटकने लगे। ब्लड बैंक में भी बल्ड नहीं था।
इसी बीच जंगलिया मोहल्ला निवासी इंजीनियर वकार अहमद को बच्ची के बारे में जानकारी मिली। इस युवक ने रोजा रखा है। लेकिन बच्ची की जान बचाने के लिए ये रोजा तोड़कर सदर अस्पताल पहुंच गए तथा बच्ची के लिए रक्तदान किया।
बच्ची की जान बचाने के लिए रक्तदान करने वाले वकार अहमद ने कहा कि धर्म से बड़ा इंसानियत का मजहब है। ऐसे में हर किसी को एक दूसरे की मदद करनी चाहिए।
रक्तदान से बड़ा कोई बेहतर कर्म इंसान के जीवन में नहीं है। सभी लोगों को रक्तदान करना चाहिए। इस मौके पर डीबीडीटी के सदस्य परवेज आलम, अनस सलाम भी मौजूद रहे।
आपको बता दे कि, ये पहली बार नहीं है जब किसी रोजेदार ने किसी की जान बचाने के लिए रोजा तोड़कर रक्तदान किया हो, इससे पहले भी कई बार कई रोजेदारों ने ये नेक काम अंजाम दिया है.